Bihar News : Truck Carrying Thai Mangur Fish Seized By Bihar Police While Going To Gorakhpur From West Bengal – Amar Ujala Hindi News Live

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Bihar News : Truck carrying thai mangur fish seized by bihar police while going to gorakhpur from west bengal

पुलिस ने आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया।
– फोटो : अमर उजाला

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जिस मछली पर सबसे पहले केरल सरकार ने 1998 में और दो साल पूरे भारत सरकार ने प्रतिबंध लगा दिया था। वह आज भी धड़ल्ले से बाजार में बिक रही है। गोपालगंज में कुचायकोट पुलिस ने बलथरी चेक पोस्ट पर वाहन जांच के क्रम में एक ट्रक से 34 क्विंटल प्रतिबंधित थाई मांगुर मछ्ली के बच्चे को जब्त किया। जब्त मछली के बच्चे को कोलकाता से लाया जा रहा था। उत्तर प्रदेश के गोरखपुर में इसकी डिलीवरी होनी थी लेकिन गोपालगंज पुलिस ने ट्रक को पकड़ लिया। साथ ही चार तक्सर को भी गिरफ्तार किया है। पुलिस अब इनसे पूछताछ कर रही है। 

34 क्विंटल मछली के बच्चे बरामद किए गए

कुचायकोट थानाध्यक्ष आलोक कुमार ने बताया कि कुचायकोट पुलिस की एक टीम थाना क्षेत्र के बलथरी चेक पोस्ट पर वाहनों की जांच पड़ताल कर रही थी। इस क्रम में उत्तर प्रदेश की तरफ जाने वाले एक संदिग्ध ट्रक को रोककर पुलिस ने जब उसकी तलाशी ली तो ट्रक में तीरपाल के अंदर छुपा कर लाया जा रहा 34 क्विंटल मछली के बच्चे बरामद किए गए। इस संबंध में पुलिस ने मत्स्य विभाग को सूचना दी ।जिसके बाद मौके पर पहुंची मत्स्य विभाग की टीम ने जांच पड़ताल के बाद इसे प्रतिबंधित थाई मांगुर बताया। गिरफ्तार किए गए आरोपितों में आरा जिले के बिहिया थाना क्षेत्र के बिहिया गांव निवासी दुर्गेश कुमार, कोलकाता के उत्तर 24 परगना जिले के नई हाटी थाना क्षेत्र के नई हाटी गांव निवासी सरोज हालदार ,इसी गांव के मूल मातु हालदार तथा उत्तर 24 परगना जिले के नौपाड़ा थाना क्षेत्र के इच्छापुर गांव निवासी पोषन राजवंशी शामिल है ।

इस मछली के पालन और प्रजनन पर रोक

थानाध्यक्ष ने बताया कि सरकार द्वारा जब्त किए गए मांगुर मछली के पालन तथा बिक्री पर प्रतिबंध है। पुलिस मछली के साथ गिरफ्तार किए गए आरोपितों से पूछताछ कर रही है। बता दें कि भारत सरकार ने इस मछली के पालन और प्रजनन पर रोक लगाई थी, क्योंकि इसमें जहरीले अवगुण पाए गए थे। थाई मांगुर मछली इस हद तक मांसाहारी होती है कि पशुओं के साथ मानव-मांस भी खाती है। इस मछली के शरीर में घातक हेवी मेटल्स जैसे आर्सेनिक, कैडमियम, क्रोमियम, मरकरी, लेड आदि की मात्रा इस स्तर पर होती है। डॉक्टरों का कहना है कि इस मछली के सेवन से न्यूरोलॉजिकल, यूरोलॉजिकल, गैस्ट्रोइन्टेस्टाइनल और प्रजनन संबंधी बीमारियों की आशंका रहती है। 



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