बरनाला से जीते कांग्रेस उम्मीदवार कुलदीप सिंह ढिल्लों।
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पंजाब की चार विधानसभा सीटों पर हुए उपचुनाव में से सत्ताधारी पार्टी आप ने तीन सीटों पर जीत का परचम लहराया है। वहीं बरनाला सीट पर आप उम्मीदवार हार गया है। मुख्यमंत्री भगवंत मान के गृह जिला संगरूर की बरनाला सीट पर कांग्रेस ने कब्जा किया है। बरनाला से कांग्रेस उम्मीदवार कुलदीप सिंह ढिल्लों ने जीत दर्ज की है। उन्होंने आप के हरिंदर सिंह धालीवाल को करीब 2 हजार वोटों के अंतर से हराया है। कांग्रेस प्रत्याशी कुलदीप ढिल्लों को 28254 वोट मिले हैं। आप कैंडिंडेट हरिंदर धालीवाल को 26097 वोट पड़े।
बरनाला सीट पर में आप के बागी गुरदीप सिंह बाठ आप की हार और कांग्रेस की जीत के लिए मुख्य फैक्टर रहा है। गुरदीप सिंह बाठ ने 16899 वोट झटके हैं। आप ने गुरदीप सिंह बाठ को टिकट नहीं दिया तो बाठ निर्दलीय चुनाव में उतरे। हालांकि उन्हें जीत तो नहीं मिली लेकिन आप उम्मीदवार को भी जीत का स्वाद चखने नहीं दिया।
संगरूर आप की सियासी राजधानी
संगरूर संसदीय क्षेत्र की विधानसभा सीट बरनाला पर सत्ताधारी पार्टी आप की हार, तीन सीटों की जीत पर भारी पड़ी है। संगरूर संसदीय सीट को आप अपनी सियासी राजधानी मान जाती है। अतीत में यहां से पार्टी का प्रदर्शन शत प्रतिशत रहा है। बरनाला विस हलका आप सांसद मीत हेयर का गृह क्षेत्र है। सांसद बनने से पहले मीत हेयर इस सीट से लगातार दो बार विधानसभा चुनाव जीते हैं। संगरूर संसदीय सीट पर 2022 में हुए उपचुनाव में मिली हार के बाद आप को बरनाला विस सीट भी गंवानी पड़ी है। हैरत की बात यह है कि उपचुनाव से पहले आप ही इन सीटों पर काबिज थी।
सीएम मान के कहे गए शब्द आ रहे याद
इस हार के बाद संगरूर संसदीय क्षेत्र में मुख्यमंत्री भगवंत मान की जुबान से निकले शब्द लोगों के जहन में बार-बार आ रहे हैं। बरनाला उपचुनाव के दौरान प्रचार करते हुए मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा था कि गांवों से आए लोगों को घरों में लौटने के लिए अब बसें नहीं मिलेंगी, क्योंकि बसों का इतनी शाम रूट नहीं है। अब तो लोगों को ट्रकों में बैठकर घर जाना होगा। संयोग से गुरदीप बाठ का चुनाव चिन्ह ट्रक था। तब मतदाताओं ने दबी जुबान में इसका गहरा सियासी मतलब निकाला था। मुख्यमंत्री भगवंत मान के इन शब्दों को चुनाव परिणाम से जोड़कर देखा जा रहा है। सवाल उठ रहे हैं कि क्या मूंछ की लड़ाई में आप ने राजधानी की सीट गंवाई है।