भारतीय मूल की अंतरिक्ष यात्री सुनीता विलियम्स बीते पांच महीने से अधिक समय से अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन (ISS) पर हैं। महज आठ दिनों के मिशन पर भेजी गई इस टीम में सुनीता के अलावा साथी बैरी विल्मोर भी हैं। दोनों 150 दिनों से धरती पर वापसी का इंतजार कर रहे हैं। इसी बीच सुनीता विलियम्स की सेहत से जुड़ी अहम जानकारी सामने आई है। बता दें कि इसी साल 5 जून को बोइंग स्टारलाइनर का प्रक्षेपण हुआ था। सुनीता और विल्मोर 6 जून को आईएसएस पहुंचे थे।
अंतरिक्ष यात्री फरवरी 2025 में एक साथ धरती पर लौटेंगे
156 दिनों से अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन की प्रयोगशाला में फंसे हुए विलियम्स और विल्मोर स्पेसएक्स के क्रू-9 ड्रैगन कैप्सूल पर सवार होकर धरती पर वापस लौटने को तैयार हैं। अभी तक की योजना के मुताबिक सुनीता विलियम्स और विल्मोर के साथ दल में शामिल चार और अंतरिक्ष यात्री फरवरी 2025 में एक साथ धरती पर लौटेंगे।
अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी करीबी नजर रख रही है
एक रिपोर्ट में नासा कर्मचारी के हवाले से दावा किया गया है कि बीते सितंबर में सामने आई उनकी तस्वीर से सेहत को लेकर चिंता उपजी है लेकिन अमेरिकी अंतरिक्ष एजेंसी करीबी नजर रख रही है। कथित तौर पर सुनीता विलियम्स के ‘वजन में कमी’ को लेकर भी आशंका जाहिर की जा रही है, लेकिन नासा तबीयत ठीक रहे इसे लेकर लगातार प्रयासरत है। तमाम चिंताओं के बीच यह उल्लेख करना भी जरूरी है कि बीते 29 अक्तूबर के तड़के 4.12 बजे (भारतीय समयानुसार) दीपावली के मौके पर सुनीता ने अंतरिक्ष से वीडियो संदेश जारी कर शुभकामनाएं दी थीं। इस वीडियो में उनकी सेहत ठीक दिख रही है।
तस्वीर में वह ‘दुबली’ दिख रही हैं… गाल थोड़े धंसे हुए दिख रहे हैं
अमेरिका के सिएटल में रहने वाले पल्मोनोलॉजिस्ट (फेफड़े और श्वसन तंत्र से जुड़ी बीमारियों के विशेषज्ञ) डॉक्टर विनय गुप्ता ने सुनीता की सेहत को लेकर चिंता जताई। उनका दावा है कि 24 सितंबर को नासा की तरफ से जारी तस्वीर में वह ‘दुबली’ दिख रही थीं। उनके गाल थोड़े धंसे हुए दिख रहे हैं। आमतौर पर ऐसा तब होता है जब आपके शरीर का पूरा वजन घट गया हो। नासा के सूत्र के हवाले से न्यूयॉर्क पोस्ट की रिपोर्ट में बताया गया कि तस्वीर चौंकाने वाली है। हालांकि, 24 सितंबर के बाद चार अक्तूबर को भी अंतरराष्ट्रीय स्पेस स्टेशन से तस्वीर सामने आई। इसमें भी सुनीता के दुबले होने की बात कही गई।
सुनीता की सेहत पर NASA प्रवक्ता का आधिकारिक बयान
अब सोशल मीडिया पर वायरल हो रही तस्वीरों और सुनीता की सेहत से जुड़ी अटकलों पर विराम लगाते हुए नासा के अंतरिक्ष संचालन मिशन निदेशालय के प्रवक्ता जिमी रसेल ने 8 नवंबर को बयान जारी किया। उन्होंने कहा, वर्तमान में ISS पर तैनात सभी अंतरिक्ष यात्रियों की सेहत ठीक है। डॉक्टर नजर रख रहे हैं। सबका नियमित चिकित्सा मूल्यांकन हो रहा है। फ्लाइट सर्जन बारीकी से निगरानी कर रहे हैं।
सुनीता विलियम्स अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर क्या खा रही हैं?
विश्वसनीय सूत्र के हवाले से आई एक रिपोर्ट में नासा के एक कर्मचारी ने नाम न छापने की शर्त पर सुनीता विलियम्स की सेहत पर जानकारी दी। इस कर्मचारी का दावा है कि वह सुनीता के मिशन से सीधे तौर पर जुड़ी है। इसने अमेरिकी प्रकाशन- न्यूयॉर्क पोस्ट को बताया कि सुनीता विलियम्स अंतरराष्ट्रीय अंतरिक्ष स्टेशन पर ‘उच्च कैलोरी वाले आहार को ग्रहण करने में असमर्थ रही हैं। उनकी डाइट वैसी नहीं है जो अंतरिक्ष यात्रियों के लिए मानक है।
शुरुआत में सुनीता का वजन लगभग 140 पाउंड था
न्यूयॉर्क पोस्ट की रिपोर्ट में नासा के सूत्र के हवाले से दावा किया गया है कि सुनीता विलियम्स का वजन कम हो गया है। नासा के डॉक्टरों की टीम सुनीता के वजन में आई कमी की चुनौती से निपटने का पूरा प्रयास कर रहे हैं। लगभग एक महीने पहले डॉक्टरों ने उनके साथ काम करना शुरू किया था। सूत्र के मुताबिक सुनीता को अपना वजन घटने से रोकने के लिए प्रतिदिन 5,000 कैलोरी तक खाना पड़ सकता है। सूत्र ने कहा कि मिशन की शुरुआत में सुनीता का वजन लगभग 140 पाउंड था। धरती पर एक औसत महिला को अपना वजन बरकरार और सेहत ठीक रखने के लिए 1,600 से 2,400 कैलोरी तक का भोजन ग्रहण करना पड़ता है।
अंतरिक्ष में महिलाओं के स्वास्थ्य पर कई तरह के असर होते हैं
गौरतलब है कि लंबे समय तक अंतरिक्ष में रहने के कारण अंतरिक्ष यात्रियों, विशेषकर महिलाओं के स्वास्थ्य पर कई तरह के असर होते हैं। वजन कम होना, मांसपेशियों का टूटना, हड्डियां कमजोर होना, आंखों और हृदय से जुड़ी परेशानी होना कुछ आम समस्याए हैं। गुर्दे में पथरी जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं। अंतरिक्ष में उड़ान के दौरान महिला अंतरिक्ष यात्रियों का वजन पुरुषों की तुलना में अधिक कम होता है। ऐसा मांसपेशियों में बदलाव के कारण होता है।
कुछ हफ्ते पहले अंतरिक्ष से अमेरिका लौटे अंतरिक्ष यात्री, सेहत से जुड़ी चिंता उभरी
यह पूरा मामला इसलिए भी चर्चा में आया क्योंकि अंतरिक्ष यात्रियों की सेहत का एक और मामला अमेरिका से ही सामने आया था। क्रू-8 मिशन के लिए आठ महीने तक आईएसएस पर रहे यात्री जब धरती पर लौटे तो नासा के इस अंतरिक्ष यात्री को कुछ समय के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया। नासा द्वारा रिपोर्ट के अनुसार एक अंतरिक्ष यात्री को रात भर निगरानी में रखा गया, लेकिन पहचान का खुलासा नहीं किया गया। अगले दिन जांच के बाद उन्हें अस्पताल से छुट्टी दे दी गई।