मरचूला में घटनास्थल पर बस
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अल्मोड़ा जिले के मरचूला में हुई बस दुर्घटना का भयावह दृश्य देख हर कोई स्तब्ध है। दुर्घटना के बाद मौके पर पहुंची एसडीआरएफ की चार टीमों के साथ ही स्थानीय लोगों, पुलिस, प्रशासन, फायर सर्विस और पुलिस के जवानों ने बचाव अभियान चलाया। इस दुर्घटना में किसी ने अपने बेटा तो किसी ने पोते को खोया तो किसी ने बेटा और बेटी दोनों की दर्दनाक मृत्यु का मंजर देखा। मौके पर मौजूद एसडीआरएफ के जवानों के मुताबिक दुर्घटना का मंजर इतना भयावह था कि हर कोई स्तब्ध रह गया। घटनास्थल पर लोगों की चीखपुकार से लोगों की आंखें नम हो गईं। इस घटना ने 2023 में हुई बीरोंखाल बस दुर्घटना की याद दिला दी। लैंसडौन-बीरोंखाल के बीच सिमड़ी गांव के पास 2023 में बरात की बस दुर्घटनाग्रस्त होने से 32 लोगों की मौत हो गई थी।
बचाव टीम में शामिल रहे एसडीआरएफ रुद्रपुर के निरीक्षक बालम सिंह बजेली ने घटना का आंखों देखा हाल बयां किया। इंसपेक्टर बजेली ने बताया कि उन्हें बताया गया कि मरचूला में सुबह सात बजे बस दुर्घटना हुई है और उन्हें तत्काल रेस्क्यू अभियान चलाना है। उन्होंने बताया कि वह अपनी टीम के साथ 9:45 बजे मौके पर पहुंचे। रेस्क्यू अभियान में एसडीआरएफ रुद्रपुर के अलावा अल्मोड़ा, नैनीताल और धूमाकोट की टीमें भी पहुंचीं थीं। एसडीआरएफ की चारों टीमों के 28 लोगों ने सुरक्षा और बचाव कार्य में भागीदारी की।
बजेली ने बताया कि घटनास्थल के नजदीक होने से अल्मोड़ा, धूमाकोट की टीमें पहले मौके पर पहुंच गईं थीं। अल्मोड़ा की टीम ने 7:45 बजे मौके पर पहुंचकर रेस्क्यू अभियान शुरू किया। उसके बाद धूमाकोट और नैनीताल की टीमें पहुंचीं। रुद्रपुर से वह अपनी टीम के साथ 9:45 बजे मौके पर पहुंचे। बताया कि घटनास्थल पर स्थानीय लोगों ने बचाव कार्य में मदद की। इसके अलावा फायर सर्विस और पुलिस के जवान भी जुटे रहे। घटनास्थल के हालात का जिक्र करते हुए उन्होंने बताया कि इस हादसे ने उन्हें 2023 में बीरोंखाल में हुई बस दुर्घटना की याद दिला दी। तब बरात की बस गिरने से 32 लोग मारे गए थे। मरचूला में घटनास्थल पर चीखपुकार मची थी। एक बुजुर्ग बिलख रहे थे। उनके पुत्र और पोते की इस दुर्घटना में मृत्यु हुई थी। एक अन्य व्यक्ति को लोग दिलासा दे रहे थे। इस घटना में उनके बेटे और बेटी की मौत हो गई थी।