जलाई गई पराली।
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खरीफ सीजन के कारण पराली जलाने के मामलों में पंजाब टॉप पर है, जिसके चलते प्रदेश की हवा भी पुअर क्वालिटी में चल रही है। साथ ही त्योहारी सीजन ने पंजाब सरकार की चिंता और बढ़ा दी है। दिवाली पर हर बार प्रदेश की हवा खतरनाक श्रेणी में पहुंच जाती है। यही कारण है कि सरकार की तरफ से प्रदूषण के हॉटस्पॉट 9 शहरों पर विशेष रूप से नजर रखी जाएगी।
सरकार इन शहरों में प्रदूषण को नियंत्रित करने के लिए एहतियाती कदम भी उठाएगी। इस संबंध में पर्यावरण विभाग ने इन शहरों के जिलों मजिस्ट्रेट को विशेष निर्देश जारी किए गए हैं। निर्देशों में कहा गया है कि यहां समय से अधिक पटाखे न जलाए जाएं, इसलिए सख्ती के साथ ही एहतियाती कदम उठाए जाएं। 9 शहरों में डेराबस्सी, गोबिंदगढ़, जालंधर, खन्ना, लुधियाना, नया नंगल, पठानकोट, पटियाला और अमृतसर हैं।
इन शहरों को केंद्र ने प्रदूषण को नियंत्रण करने में असफल रहने के चलते गैर प्राप्ति शहरों की सूची में भी शामिल किया हुआ है। इसी कारण पर्यावरण विभाग का इन शहरों में प्रदूषण को नियंत्रण करने के लिए विशेष फोक्स है। गैर प्राप्ति उन शहरों को घोषित किया जाता है, जो 5 साल की अवधि में लगातार वायु गुणवत्ता स्तर पीएम 10 के लिए राष्ट्रीय परिवेशी वायु गुणवत्ता मानक को पूरा नहीं करते हैं।
पीएम 10 वायु प्रदूषण का एक स्तर है, जो सभी के स्वास्थ्य को बहुत नुकसान पहुंचाता है। जब प्रदूषण कणों का स्तर वायु में बढ़ जाता है तो सांस लेने में दिक्कत, आंखों में जलन आदि होने लगती है। ऐसे शहरों में प्रदूषण को कम करने के लिए राष्ट्रीय स्वच्छ वायु कार्यक्रम भी चलाया जा रहा है। केंद्र की तरफ से इसके लिए विशेष फंड जारी किया जाता है और मैकेनाइज्ड स्वीपिंग बढ़ाने और ग्रीनरी को बढ़ावा देने के लिए नगर निकायों को यह फंड आवंटित किया जाता है।
आज सिर्फ दो घंटे जला सकेंगे ग्रीन पटाखे
पंजाब सरकार ने दिवाली पर रात 8 से रात 10 बजे तक पटाखे जलाने की अनुमति दी है। सिर्फ ग्रीन पटाखों को बेचने और जलाने की मंजूरी है और इन आदेशों की सख्ती से पालना करवाने के लिए सभी जिला मजिस्ट्रेट को बोला गया है। इसी तरह गुरुपर्व पर 15 नवंबर को सुबह 4 से 5 और रात 9 से 10 बजे तक पटाखे जलाने का समय तय किया गया है।