वैसे तो प्रदेश मौसमी बीमारियों को लेकर अलर्ट मोड पर है, लेकिन जिले में नीम हकीम का बोलबाला भी जोरों पर है। जिले में स्वास्थ्य महकमे की लापहरवाही बरतें के चलते इन झोलाछाप डॉक्टरों को हौंसले बुलंद हैं। जिले के सिकराय और सिकंदरा क्षेत्र सहित जिले के अन्य इलाकों में स्वास्थ्य विभाग के जिम्मेदार प्रभावी कार्रवाई नहीं कर पा रहे हैं।
इधर, सिकराय ब्लॉक मुख्य चिकित्सा अधिकारी ने जिला औषधि नियंत्रक दौसा को एक चिट्ठी लिखकर अवैध मेडिकल स्टोर व झोलाछाप के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए चिठ्ठी लिखी है। ब्लॉक मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ.भोला सिंह गुर्जर ने पत्र में बताया कि वर्तमान समय में मौसमी बिमारियां चल रही है, जिसके कारण आमजन को चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करना चिकित्सा विभाग का उदेश्य रहता है, लेकिन ब्लॉक सिकराय व सिकन्दरा में संचालित अवैध मेडिकल स्टोर व झोलाछापों ने अपनी निजी दुकानों पर दवाइयों का स्टॉक किया हुआ, जिसके कारण झालाझापों के द्वारा आमजन का इलाज किया जा रहा है। अब जब स्वास्थ्य विभाग के BCMHO डॉ.भोलाराम गुर्जर इस बात को मान रहे हैं कि उनके ब्लॉक में झोलाछाप डॉक्टर का बोलबाला है। बावजूद इसके खुद सक्षम अधिकारी हैं जो चाहे तो इन झोलाछापों की दुकान बंद कर सकते हैं।
उधर BCMHO डा भोलाराम गुर्जर ने अपनी जिम्मेदारी से बचते हुए दौसा ड्रग इंस्पेक्टर से मेडिकल की दावों पर कार्रवाई की मांग की है, जबकि सच तो यह भी है कि जब झोलाछाप डॉक्टर पर जिम्मेदार अधिकारी करें और उसे उनके नियत स्थान पर पहुंचा दे तो इन झोलाछापों का मेडिकल स्टोर अपने आप ही बंद हो जाएगा। बीसीएमओ ने अपनी चिट्ठी में बताया है कि इन झोलाछापों के चलते आमजन की जान का खतरा बना रहता है। संचालित झोलाछापों एवं अवैध मेडिकल स्टोर के खिलाफ कार्रवाई करने को लेकर यह चिठ्ठी लिखी है। लेकिन इस बात से भी इंकार नहीं किया जा सकता है कि यह बिना डिग्री के डॉक्टर लोगों दे रहे। जिसके चलते कई बार मरीजों की जान के साथ भी खिलवाड़ हो चुका है।