चार विभाग होंगे सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के
1. स्टेट ऑफ द आर्ट साइबर फोरेंसिक लैब : पुलिस साइबर, कंप्यूटर फोरेंसिक जांच भी अपने स्तर से कर सकेगी।
2. एडवांस साइबर ट्रेनिंग लैब : पुलिसकर्मियों को विश्वस्तरीय साइबर मामलों की विवेचना की ट्रेनिंग दी जाएगी।
3. डाटा सेंटर : पुलिस अपनी वेबसाइटों और एप का डाटा अपने इस डाटा सेंटर में ही स्टोर करेगी।
4. रिसर्च एंड डवलपमेंट विंग : इसके तहत पुलिस नए-नए टूल विकसित कर सकेगी, ताकि भविष्य की चुनौतियों से निपटा जा सके।
ये होंगे प्रमुख काम
– वर्तमान वेबसाइटों का रखरखाव बेहतर ढंग से होगा।
– डार्क वेब की चुनौतियों से निपटने के लिए पुलिसकर्मियों को ट्रेनिंग दी जाएगी।
– साइबर रिसर्च की जाएगी। साइबर क्राइम के नए तरीकों को समझकर उनके खिलाफ काम किया जाएगा।
– डाटा ट्रांसफर किस तरह से बेहतर किया जा सकता है, इसके लिए भी पुलिस को ट्रेनिंग दी जाएगी।
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साइबर सेंटर ऑफ एक्सीलेंस के लिए प्रस्ताव लगभग तैयार किया जा चुका है। इसके तहत पुलिसकर्मियों को साइबर क्राइम की चुनौतियों से निपटने की बेहतर ट्रेनिंग दी जाएगी। साथ ही डाटा सेंटर आदि की व्यवस्थाओं को भी बेहतर किया जा सकेगा। – डॉ. नीलेश आनंद भरणे, आईजी कानून व्यवस्था एवं पुलिस प्रवक्ता