World Heart Day 2024 Blood Pressure Cholesterol And High Sugar Affects Heart Health – Amar Ujala Hindi News Live

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हृदय रोगों के मामले साल-दर-साल बढ़ते ही जा रहे हैं। कम उम्र के लोग भी अब इसका शिकार हो रहे हैं। स्वास्थ्य विशेषज्ञ कहते हैं, गड़बड़ लाइफस्टाइल और आहार की दिक्कत इस रोग की प्रमुख वजह हो सकती है। जिन लोगों के परिवार में पहले से किसी को हार्ट की दिक्कत रही है उन्हें अपने आनुवांशिक जोखिमों को देखते हुए और भी सावधान हो जाना चाहिए। अगर कम उम्र से ही दिनचर्या में हार्ट को स्वस्थ रखने वाले तरीकों को शामिल कर लिया जाए तो इससे संबंधित समस्याओं से सुरक्षित रह सकते हैं।

भारत में हृदय रोग या कार्डियोवैस्कुलर डिजीज (सी.वी.डी.) मृत्यु का एक प्रमुख कारण है, यह बोझ और भी बढ़ने की आशंका है। खासकर शहरी क्षेत्रों में उच्च रक्तचाप, मधुमेह और पेट की बढ़ती चर्बी और मोटापा के कारण ये दिक्कतें अधिक देखी जा रही है।

आंकड़ों से पता चलता है कि भारत में सभी तरह की बीमारियों से होने वाली मौतों में से एक चौथाई के लिए हृदय रोग ही जिम्मेदार हैं। शरीर में कुछ स्थितियों का बढ़ना आपके हार्ट के लिए बहुत खतनाक हो सकता है जिसपर गंभीरता से ध्यान दिया जाना चााहिए।

हृदय रोग और इससे संबंधी बीमारियों के बारे में जागरूकता बढ़ाने और इसके रोकथाम को लेकर लोगों को शिक्षित करने के उद्देश्य से हर साल  29 सितंबर को विश्व हृदय दिवस (World Heart Day) मनाया जाता है। आइए जानते हैं कि किन चीजों का बढ़ना हार्ट के लिए नुकसानदायक है?

बढ़ा हुआ ब्लड प्रेशर नुकसानदायक

हृदय रोगों के लिए मुख्यरूप से ब्लड प्रेशर और कोलेस्ट्रॉल का स्तर बढ़ने को प्रमुख कारक माना जाता है। हाई ब्लड प्रेशर को ‘साइलेंट किलर’ के रूप में भी जाना जाता है क्योंकि यह आमतौर पर लक्षण पैदा नहीं करता है। उच्च रक्तचाप की स्थिति में हृदय को रक्त पंप करने के लिए अधिक मेहनत करनी पड़ती है। लंबे समय तक बनी रहने वाली ये समस्या हृदय के पंपिंग कक्ष की दीवारें मोटी कर देती है।

इसके अलावा हाई ब्लड प्रेशर से होने वाले दबाव के कारण हृदय तक रक्त ले जाने वाली वाहिकाओं के फटने का भी खतरा रहता है जो हृदय की गंभीर समस्याओं को जन्म दे सकती है। हार्ट अटैक के लिए भी इसे ही प्रमुख कारक माना जाता है। 

कोलेस्ट्रॉल को रखें कंट्रोल

हाई ब्लड प्रेशर की ही तरह से हाई कोलेस्ट्रॉल के कारण भी हृदय स्वास्थ्य पर नकारात्मक असर पड़ता है। असल में उच्च कोलेस्ट्रॉल के कारण रक्त वाहिकाओं की दीवारों में फैट जमा होने लग जाती है  जिससे धमनियों में रक्त का प्रवाह बाधित हो जाता है। ये जमा पदार्थ टूटकर थक्के बना सकते हैं, ऐसे में हृदय तक खून का संचार कम या रुक सकता है जो दिल का दौरा या स्ट्रोक जैसी समस्याओं को जन्म देती है। 

अधिक तनाव से भी खतरा

अगर आपको लगता है कि सिर्फ कोलेस्ट्रॉल और ब्लड प्रेशर बढ़ने से ही हार्ट को नुकसान होता है तो जरा सावधान हो जाइए। अगर आप अक्सर तनाव में रहते हैं या डिप्रेशन के शिकार हैं तो इससे भी हृदय रोगों का खतरा हो सकता है।

स्ट्रेस के कारण शरीर में कोर्टिसोल नामक हार्मोन का स्तर बढ़ जाता है। यदि आपको अक्सर तनाव की दिक्कत बनी रहती है तो कोर्टिसोल हार्मोन के दुष्प्रभावों के कारण ब्लड प्रेशर के साथ शुगर, कोलेस्ट्रॉल और ट्राइग्लिसराइड्स का स्तर भी अधिक होने लगता है। इन सभी को हार्ट के लिए हानिकारक पाया गया है।

डायबिटीज रोगी और भी रहें सतर्क

हृदय रोग और डायबिटीज के बीच गहरा संबंध है। यदि आप डायबिटीज के शिकार है और अक्सर शुगर हाई रहता है तो इसका असर हार्ट पर भी पड़ सकता है। हाई ब्लड शुगर की स्थिति आपकी रक्त वाहिकाओं और नसों को गंभीर क्षति पहुंचा सकती है। डायबिटिक न्यूरोपैथी वाले रोगियों में तंत्रिकाएं बहुत कमजोर हो जाती हैं।

रक्त वाहिकाओं को होने वाली क्षति के कारण हार्ट से संबंधित समस्याओं को जोखिम काफी बढ़ सकता है। मधुमेह रोगियों में बिना डायबिटीज वालों की तुलना में कम उम्र में हृदय रोग होने का जोखिम भी अधिक होता है।

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नोट: यह लेख डॉक्टर्स का सलाह और मेडिकल रिपोर्टस से एकत्रित जानकारियों के आधार पर तैयार किया गया है। 

अस्वीकरण: अमर उजाला की हेल्थ एवं फिटनेस कैटेगरी में प्रकाशित सभी लेख डॉक्टर, विशेषज्ञों व अकादमिक संस्थानों से बातचीत के आधार पर तैयार किए जाते हैं। लेख में उल्लेखित तथ्यों व सूचनाओं को अमर उजाला के पेशेवर पत्रकारों द्वारा जांचा व परखा गया है। इस लेख को तैयार करते समय सभी तरह के निर्देशों का पालन किया गया है। संबंधित लेख पाठक की जानकारी व जागरूकता बढ़ाने के लिए तैयार किया गया है। अमर उजाला लेख में प्रदत्त जानकारी व सूचना को लेकर किसी तरह का दावा नहीं करता है और न ही जिम्मेदारी लेता है। उपरोक्त लेख में उल्लेखित संबंधित बीमारी के बारे में अधिक जानकारी के लिए अपने डॉक्टर से परामर्श लें।



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