हेमंत सोरेन और हिमंत बिस्व सरमा
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झारखंड में जल्द ही विधानसभा चुनाव होने हैं। ऐसे में वहां सियासी सरगर्मी बढ़ी हुई है। अलग-अलग पार्टियों के नेता एक-दूसरे पर आरोप-प्रत्यारोप लगा रहे हैं। इस बीच, असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने झारखंड के अपने समकक्ष हेमंत सोरेन पर सीधा और तीखा हमला बोला है। उन्होंने सवाल करते हुए कहा कि ऐसा क्यों है कि हेमंत सोरेन जिन्ना की पार्टी के नेताओं की मेजबानी करते हैं लेकिन शाह को नापसंद करते हैं।
हेमंत पर तंज कसते हुए हिमंता ने कहा कि उन्हें मुहम्मद अली जिन्ना द्वारा बनाई गई “मुस्लिम लीग” के प्रतिनिधिमंडल का गर्मजोशी से स्वागत करने में कोई हिचकिचाहट नहीं है। लेकिन उन्हें भाजपा नेताओं के अपने राज्य में आने पर आपत्ति होती है। आगे बोलते हुए असम सीएम ने विधानसभा चुनावों के बाद राज्य में भाजपा की सरकार बनने का दावा भी किया।
दरअसल, गुरुवार को आईयूएमएल के प्रतिनिधिमंडल ने सोरेन से उनके आवास पर मुलाकात की थी। इस प्रतिनिधिमंडल में पार्टी सांसद ईटी मोहम्मद बशीर, सांसद और हारिस बीरन के अलावा विधायक मोहम्मद बशीर शामिल थे। झारखंड सीएमओ ने अपने बयान में इसे शिष्टाचार मुलाकात करार दिया था।
‘हेमंत जिन्ना की पार्टी के नेताओं को परिवार सहित चाय और कॉफी देते हैं, ऐसा क्यों?’
इसी मुलाकात को लेकर हिमंत बिस्वा सरमा हेमंत सोरेन पर हमलावर हो गए। उन्होंने कहा कि जिन्ना द्वारा स्थापित आईयूएमएल का एक प्रतिनिधिमंडल झारखंड के मुख्यमंत्री से मिला। मैं जानना चाहता हूं कि जिन्ना की पार्टी झारखंड क्यों आई। हेमंत सोरेन ने केरल के मुस्लिम लीग प्रतिनिधिमंडल का गर्मजोशी से स्वागत किया, लेकिन भाजपा नेताओं की उपेक्षा की। इतना ही नहीं उन्होंने चुनाव आयोग को लिखा कि भाजपा नेताओं को राज्य में आने से रोकें। आप जिन्ना की पार्टी के नेताओं को परिवार सहित चाय और कॉफी देते हैं, ऐसा क्यों? इसके साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि आईयूएमएल प्रतिनिधिमंडल द्वारा झारखंड के मुख्यमंत्री को सौंपे गए ज्ञापन की सामग्री क्या थी इसका भी खुलासा किया जाना चाहिए।
आगामी विधानसभा चुनावों का जिक्र करते हुए असम सीएम ने कहा कि राज्य में झामुमो के दिन अब गिनती के रह गये हैं क्योंकि विधानसभा चुनाव के बाद भाजपा राज्य में सरकार बनाने जा रही है।
हेमंत सोरेन ने इस महीने की शुरुआत में लिखा था चुनाव आयोग को पत्र
दरअसल, इस महीने की शुरुआत में झारखंड के सीएम हेमंत सोरेन ने चुनाव आयोग को पत्र लिखकर भाजपा नेताओं की शिकायत की थी। साथ ही उनके राज्य के दौरों पर भी सवाल उठाए थे। उन्होंने आयोग से आग्रह किया था कि आयोग गृह मंत्री अमित शाह, शिवराज सिंह चौहान और हिमंत बिस्वा सरमा को आधिकारिक मशीनरी का दुरुपयोग करके संकीर्ण राजनीतिक लाभ के लिए राज्य में सांप्रदायिक तनाव भड़काने से बचने के लिए कहे। वहीं गुरुवार को हिमंता के बयान से पहले हेमंत सोरेन ने राज्य में होने वाली परिवर्तन यात्रा पर भी निशाना साधा था। उन्होंने कहा था कि भाजपा की ‘परिवर्तन यात्राओं’ में अन्य राज्यों के नेताओं को झारखंड में गिद्ध की तरह मंडराते, सांप्रदायिक तनाव फैलाते हुए देखा जाएगा।