बांस
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बांस रास्ता दिखाएगा और खतरे से निपटने में मदद करेगा, यह बात चौंकने की हो सकती है, लेकिन ऐसा संभव हुआ है। बांस रेशा विकास परिषद के सहयोग से अल्मोड़ा के दुनाड़ के एक स्वयं सहायता समूह ने माडर्न बैंबू स्टिक को तैयार किया है। इस स्टिक में फ्लैश लाइट, कैंप लाइट से लेकर टार्च का भी काम करेगी।
इसके अलावा चलते-चलते मोबाइल पर बात करने के लिए डिस्प्ले की सुविधा भी है। इस स्टिक से आपात स्थिति में लाठी की तरह प्रहार कर बचाव भी कर सकते हैं। बांस एवं रेशा विकास परिषद के सहयोग से दुनाड़ में बांस हस्तशिल्प विकास समिति ने करीब दो साल पहले माडर्न बैंबू स्टिक विकसित करने पर काम शुरू किया।
इसके लिए परिषद ने कामन फैस्लिटी सेंटर तैयार किया और टूल्स, मशीनरी को उपलब्ध कराया। इस समिति ने दुनाड़ में होने वाले बांस और लकड़ी से और स्थानीय लोगों को रोजगार देते हुए माडर्न बैंबू स्टिक को विकसित किया। अब इस स्टिक को मांग पर उड़ीसा वन विभाग को दिया जा रहा है।
इसके अलावा बांस रेशा विकास परिषद ने उत्तराखंड वन विभाग, आईटीबीपी आदि को पत्र लिखकर बहुउपयोगी स्टिक की जानकारी देते हुए क्रय करने का अनुरोध किया है।