Investigation Into The Frog In Nutrition Case In Chittorgarh Is Complete – Amar Ujala Hindi News Live

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Investigation into the frog in nutrition case in Chittorgarh is complete

पोषाहार में मेंढक प्रकरण की जांच पूरी
– फोटो : अमर उजाला

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पोषाहार में मेंढक प्रकरण की जांच पूरी हो गई है। जिला कलेक्टर ने यह मामला सामने आने के बाद जिले के सभी संस्थाप्रधान को सावचेती बरतने के निर्देश दिए है। इससे कि इस तरह के मामले की पुरावृति नहीं हो। वहीं अक्षय पात्र फाउंडेशन की और से बताया गया कि किचन में पूरी तरह से सावचेती बरती जाती है, इस कारण यहां ऐसा होना संभव नहीं है। मुख्य जिला शिक्षा अधिकारी, समग्र शिक्षा चित्तौड़गढ़ प्रमोद कुमार दशोरा ने बताया कि महात्मा गांधी राजकीय विद्यालय गिलुण्ड के पोषाहार में मृत जीव (मेंढक) पाया गया था। इसकी जांच पूरी हो गई है। इसमें पाया कि अक्षय पात्र फाउण्डेशन प्रतिदिन पोषाहार प्रातः 8.45 पर स्कूल को प्राप्त होता है। स्कूल में इसे कुक कम हेल्पर  ने लेकर निर्धारित स्थान बरामदे में ले जाकर ढक्कन खोला।

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कुक कम हेल्पर के बताने पर कि पोषाहार में मृत मेंढक की सूचना एमडीएम प्रभारी एवं एसडीएमसी सदस्य को दी गई। शिकायत मिलने पर जिला कलक्टर आलोक रंजन ने तीन राजपत्रिक अधिकारियों की जांच कमेटी गठित कर तुरन्त जांच के आदेश दिए। इसकी रिर्पोट सीबीईओ चित्तौडगढ़ से प्राप्त हुई है। जांच में पाया कि पोषाहार वितरण के लिए परिवहन कर्मचारियों की और से नामांकन के आधार पर मात्रा जांच कर पोषाहार का कन्टेनर विद्यालय में प्रदान दिया जाता है। इसके लिए परिवहन कर्मचारी बार-बार कन्टेनर का ढक्कन खोल कर मात्रा देखते है।

रिर्पोट में पाया कि मेंढक पोषाहार में तात्कालिक गिरा नहीं प्रतीत हो रहा था। रास्ते में कहीं गिर कर परिहवन के कारण क्षत-विक्षत स्थिति में पहुंच गया। अतः आशंका है कि पोषाहार लोडिंग वाहन में मेंढ़क कहीं से आ गया हो एवं ढक्कन खोलने व पूर्व के कन्टेनर लेने के दौरान गिर गया हो। इस घटना की पुनरावृत्ति न हो इसके लिए सभी संस्थाप्रधान को निर्देश दिए हैं। वहीं अक्षय पात्र फाउण्डेशन चित्तौड़गढ़ के प्रबंधक का कहना है कि रसोई की पूरी कार्य प्रणाली साफ सुथरी एवं व्यवस्थित है। इसके साथ ही व्यक्तिगत स्वच्छता एवं वाहन की सफाई का भी पूरा ध्यान रखा जाता है। बड़े-बड़े सब्जी एवं दाल बनाने के 8 फीट उंचे कुकर है, जिसमें मेंढक का जाना संभव नही है। इसी के साथ विद्यालयों में जाने वाले कन्टेनर को 100 डिग्री की भाप से स्टेरिलाइजेशन किया जाता है। इससे किसी भी गंदगी की संभावना नहीं रहती है।

भोजन बनाने पूर्व सभी बर्तन को बॉइल्ड पानी से अच्छे से धोया जाता है। भोजन बनाने से पहले सभी खाद्य पदार्थों को तीन बार धोया जाता है, फिर कुकिंग प्रोसेस में जाता है। यह सारा कार्य फुड इंस्पेक्टर की देख-रेख में किया जाता है। कार्य प्रणाली को देखने के लिए सीसी टीवी भी उपलब्ध है, जिसका अवलोकन जिला शिक्षा अधिकारी के द्वारा किया जा चुका है। इसमें मेंढक के आने का कोई साक्ष्य प्रतीत नहीं होता है। घटना के दिन जिला शिक्षा अधिकारी प्रारम्भिक राजेंद्र शर्मा द्वारा किए औचक निरीक्षण में भोजन बनाने के सभी कार्य उचित मापदण्ड के अनुसार पाए गए।



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