निर्दलीय विधायक सरयू रॉय
– फोटो : एएनआई (फाइल)
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निर्दलीय विधायक सरयू रॉय ने शनिवार को झारखंड के पूर्वी सिंहभूम जिले में 150 घरों को तोड़ने के नोटिस पर नाराजगी जताई। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर ये नोटिस वापस नहीं लिए गए, तो वह एख बड़ा आंदोलन शुरू करेंगे। रॉय ने सवाल उठाया कि जब राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने कोई निर्देश नहीं दिए थे, तो ये नोटिस क्यों जारी किए गए।
रॉय ने कहा कि यह प्रशासन का दोहरा रवैया है। उन्होंने कांग्रेस पर आरोप लगाया कि वह विधानसभा चुनावों से पहले झुग्गी-झोपड़ी वालों को परेशान कर रही है। उन्होंने यह भी कहा कि हाल ही में एनजीटी की कोलकाता पीठ ने जमशेदपुर के क्षेत्राधिकारी की ओर से जारी नोटिस को खारिज कर दिया था। जिससे यह स्पष्ट हो गया कि नोटिस राज्य सरकार ने जारी किए थे।
उन्होंने यह भी कहा कि एनजीटी ने वरिष्ठ वकील संजय उपाध्याय की याचिका को खारिज किया, क्योंकि नोटिस उनके अधिकार क्षेत्र में नहीं आते। उन्होंने बताया कि क्षेत्राधिकारी की ओर से जारी नोटिस पूरी तरह से जिला प्रशासन का मामला है।
वहीं, कांग्रेस नेता अजय कुमार ने रॉय की टिप्पणियों का जवाब दिया। उन्होंने कहा कि भाजपा नेता अर्जुन मुंडा ने 30 अगस् को एनजीटी की की दिल्ली पीठ में 150 घरों को खाली कराने की शिकायत की थी, जिसे बाद में कोलकाता पीठ को भेजा गया। कुमार ने आरोप लगाया कि रॉय, मुंडा की शिकायत के बारे में जानकर भी इस मुद्दे को विधानसभा में नहीं उठाते और जनता को गुमराह कर रहे हैं।
कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि रॉय और मुंडा मिलकर झुग्गी-झोपड़ी वालों को हटाकर स्वर्णरेखा नदी के पास सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट (एसटीपी) लगाना चाहते हैं। उन्होंने कहा कि नदी में प्रदूषण का मुख्य कारण औद्योगिक कचरा है, जुग्गी-झोपड़ी वाले नहीं। कांग्रेस ने आरोप लगाया कि यह एख बड़े कॉरपोरेट या निजी कंपनी के लाभ के लिए किया जा रहा है, जो नदी किनारे सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट लगाने चाहती है।