Minister Tells Jharkhand Assembly Government To Decide Soon On Land Parcels Lying Unused By Big Companies – Amar Ujala Hindi News Live

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Minister tells Jharkhand assembly Government to decide soon on land parcels lying unused by big companies

झारखंड विधानसभा
– फोटो : ANI

विस्तार


झारखंड सरकार ने विधानसभा में शुक्रवार को बताया कि वो जल्द ही बड़ी कंपनियों के कब्जे वाली जमीन, जिस पर लंबे समय से कोई काम ही न हुआ हो, पर फैसला करेगी। 

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मूल मालिकोंं को लौटाई जाए जमीन

राज्य के मंत्री दीपक बिरुआ ने विधानसभा में कहा कि राज्य चाहता है कि इन जमीनों को उनके मूल मालिकों को लौटा दिया जाना चाहिए। उन्होंने एक सवाल के जवाब में कहा, ‘बड़ी कंपनियों द्वारा कब्जाई गई जमीन लंबे समय से इस्तेमाल नहीं की गई है। सरकार इस मुद्दे पर गंभीर है और हम जल्द ही इस संबंध में फैसला लेंगे।’

मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन ने पहले ही अनुपयोगी भूमि के मुद्दे को हल करने के लिए एक आयोग गठित करने की इच्छा व्यक्त कर चुके हैं। 

कांग्रेस विधायक ने उठाया था पहले मुद्दा

इससे पहले कांग्रेस विधायक प्रदीप यादव ने सदन में यह मुद्दा उठाया और कहा कि केंद्र का भूमि अधिग्रहण, पुनर्वास एवं पुनर्स्थापन में पारदर्शिता का अधिकार अधिनियम, 2013 प्रावधान करता है कि यदि किसी कंपनी द्वारा अधिग्रहीत भूमि का पांच साल तक उपयोग नहीं किया जाता है तो उसे मूल मालिक को लौटाया जाना चाहिए या भूमि बैंक को दिया जाना चाहिए।

उन्होंने आगे कहा कि लेकिन यहां मूल मालिकों से अधिग्रहित जमीन का वर्षों से इस्तेमाल नहीं किया गया है। साथ ही इन्हें इनके मूल मालिकों को वापस भी नहीं दिया जा रहा है। उन्होंने यह भी दावा किया कि राज्य में ऐसे भूखंडों को उनके मूल मालिकों को लौटाने का प्रावधान हटा दिया गया है। उन्होंने जानना चाहा कि क्या सरकार राज्य के नियमों में संशोधन करेगी।

बाउरी ने इसलिए जताई आपत्ति

विपक्ष के नेता अमर कुमार बाउरी ने स्पीकर रवींद्र नाथ महतो के समक्ष 18 भाजपा विधायकों की उपस्थिति के बिना महत्वपूर्ण विधेयकों और मुद्दों पर चर्चा कराने पर आपत्ति जताई। उन्होंने कहा कि भाजपा विधायकों ने पहले भी ऐसे मुद्दों पर बोलने की इच्छा जताई थी और उन्हें निलंबित करना उचित नहीं है।

इस बीच, भाजपा के 18 निलंबित विधायकों ने अपने निलंबन के विरोध में विधानसभा परिसर में मुख्यमंत्री के कक्ष के सामने धरना दिया। झारखंड में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के 18 विधायकों को गुरुवार को एक दिन के लिए विधानसभा से निलंबित कर दिया गया और सदन छोड़ने से इनकार करने पर मार्शलों ने उन्हें बाहर निकाल दिया।

मार्शलों द्वारा विपक्षी विधायकों को बाहर निकालने और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन द्वारा उनके सवालों का जवाब देने से इनकार करने के विरोध में सदन की कार्यवाही बाधित करने के बाद अध्यक्ष ने भाजपा विधायकों के खिलाफ कार्रवाई की।

विपक्ष के नेता अमर कुमार बाउरी ने आरोप लगाया था कि झारखंड में ‘तानाशाही’ चल रही है और दावा किया कि झामुमो नीत सत्तारूढ़ गठबंधन के इशारे पर भाजपा विधायकों के खिलाफ कार्रवाई की गई।



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