बेंजामिन नेतन्याहू
– फोटो : एएनआई
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अमेरिका में इन दिनों चुनावी अभियान तेज हैं। इसी बीच जो बाइडन ने इस बार चुनाव लड़ने से मना कर दिया है। जिसके बाद कहा जा रहा है कि भारतीय मूल की कमला हैरिस उनकी जगह लेंगी। इस बीच, अमेरिका के बेहद करीबी देश इस्राइल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू ने बड़ी बात कही है। उन्होंने कहा कि इस्राइल हमेशा संयुक्त राज्य अमेरिका का सहयोगी बना रहेगा। राष्ट्रपति चुनाव के नतीजों की परवाह किए बिना हम अमेरिका के साथ अपने गठबंधन के लिए प्रतिबद्ध हैं। नेतन्याहू का ये बयान तब आया है जब वे अमेरिका के दौरे पर हैं।
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इस्राइली पीएम ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर ट्वीट करते हुए लिखा, “जैसे ही मैं अमेरिका दौरे के लिए रवाना हुआ, मैंने राष्ट्रपति बाइडन को युद्ध के दौरान इस्राइल की मदद करने के लिए धन्यवाद दिया। मैं राष्ट्रपति के साथ अपनी महत्वपूर्ण बैठक की प्रतीक्षा कर रहा हूं।” नेतन्याहू ने आगे कहा कि ऐसे समय में अमेरिका के लिए रवाना हो रहा हूं जब इस्राइल सात मोर्चों पर लड़ रहा है और वाशिंगटन में बड़ी राजनीतिक अनिश्चितता है। मैं इस्राइल के पीएम के रूप में चौथी बार कांग्रेस के दोनों सदनों को संबोधित करूंगा।
‘अमेरिकी लोग किसी को भी राष्ट्रपति चुनें, इस्राइल मजबूत सहयोगी रहेगा’
नेतन्याहू ने कहा कि मैं दोनों पक्षों के अपने दोस्तों को बताऊंगा कि चाहे अमेरिकी लोग अपने अगले राष्ट्रपति के रूप में किसे भी चुनें, इस्राइल मध्य पूर्व में अमेरिका का अपरिहार्य और मजबूत सहयोगी बना रहेगा।
अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन की तारीफ करते हुए नेतन्याहू ने कहा, “यह युद्ध में इस्राइल, सीनेटर, उपराष्ट्रपति और राष्ट्रपति के रूप में सार्वजनिक सेवा में अपने लंबे और प्रतिष्ठित करियर के दौरान किए गए कार्यों के लिए बाइडन को धन्यवाद देने का अवसर होगा। साथ ही उनके साथ चर्चा करने का भी अवसर होगा कि आने वाले महत्वपूर्ण महीनों में कैसे आगे बढ़ना है।”
हमास से युद्ध के बीच पहला अमेरिकी दौरा
गौरतलब है कि इस्राइल और हमास युद्ध के बीच नेतन्याहू अमेरिका का दौरा कर रहे हैं। वे यहां मंगलवार को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडन से मुलाकात करेंगे। साथ ही बुधवार को वे अमेरिकी संसद के दोनों सदनों को संबोधित भी करेंगे।
इस्राइल में आतंकी संगठन घोषित की गई संयुक्त राष्ट्र राहत एजेंसी
फलिस्तीनियों के लिए राहत प्रदान करने वाले प्रमुख संयुक्त राष्ट्र एजेंसी को आतंकी संगठन घोषित करने के लिए विधेयक को इस्राइली संसद ने सोमवार को प्रारंभिक मंजूरी दे दी। यह इस्राइल की ओर से निकाय के साथ संबंध तोड़ने का प्रस्ताव है।
संयुक्त राष्ट्र राहत और कार्य एजेंसी (यूएनआरडब्ल्यूए) फलिस्तीनी शरणार्थियों के लिए प्रमुखता से कार्य कर रही है। यूएनआरडब्ल्यूए गाजा, वेस्ट बैंक, जॉर्डन, लेबनान और सीरिया में लाखों फलिस्तीनियों को शिक्षा, स्वास्थ्य और सहायता प्रदान करती है। इस पर इस्राइली नेताओं ने गाजा में हमास के साथ सहयोग करने का आरोप लगाया है। इसकी खिलाफत में किया गया मतदान एजेंसी के खिलाफ दबाव बनाने का इस्राइल का नवीनतम कदम माना जा रहा है।
नेसेट सूचना सेवा ने कहा कि विधेयक को आगे के विचार-विमर्श के लिए विदेशी मामलों और रक्षा समिति को भेजा जाएगा। बिल को इस्राइली सांसद यिसरेल बेइतेनु ने पेश किया। इसके इस्राइल के साथ लंबे समय से तनावपूर्ण संबंध रहे हैं लेकिन गाजा में युद्ध शुरू होने के बाद से संबंध तेजी से बिगड़ गए हैं और इज़राइल ने UNRWA को भंग करने के लिए बार-बार आह्वान किया है।