तेजस्वी यादव और नीतीश कुमार।
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बिहार में क्रेडिट वॉर एक बार फिर से शुरू हो चुका है। तेजस्वी यादव ने पांच लाख नौकरी देने का श्रेय फिर लिया तो सियासत गरमा गई। सोमवार को जदयू कार्यालय पहुंचे सीएम नीतीश कुमार ने स्पष्ट कहा कि कुछ दिन के लिए उनलोगों को हम लाए। सारा काम मेरा पहले से ही किया हुआ है। आप लोग नहीं जानते हैं कि यहां पर काम कौन किया है। इन लोगों ने क्या कमा किया? 2005 से पहले क्या हाल था? उनके (तेजस्वी यादव) माता-पिता ने 15 साल राज किया लेकिन क्या काम किया। बिहार में कोई काम नहीं हुआ। शाम में कोई डर से घर के बाहर नहीं निकलता था। आपलोग पता कर लीजिए। अब पटना या कहीं भी कितने ऊंचे ऊंचे भवन बनकर खड़े हो गए। कितना विकास हुआ है।
2005 से पहले क्या हुआ था यह भी याद रखिए
नीतीश कुमार ने कहा कि ये लोग केवल झूठ बोलते हैं। बिना काम किए ही अपना प्रचार प्रसार करते रहता है। हम तो अपना काम में लगे रहते हैं। हमलोग प्रचार-प्रसार करने में ध्यान नहीं देते। पहले कितना हिन्दू-मुस्लिम के बीच झगड़ा होता रहता था। अब क्या स्थिति है। हम तो जनता से अपील करते हैं कि मेरे काम को याद रखिए। 2005 से पहले क्या हुआ था यह भी याद रखिए। नीतीश कुमार ने कहा कि लोकसभा चुनाव को लेकर हमलोग पूरी तैयारी में हैं। चिंता मत कीजिए। सब जगह जाएंगे और एक-एक चीज करेंगे। बाकी सब लोग इधर-उधर कर रहे हैं। उनको जनता देख रही है।
हर चुनावी सभा में तेजस्वी यादव खुद को देते हैं यह क्रेडिट
नेता प्रतिपक्ष बनने के बाद से तेजस्वी यादव जब भी जनता से मुखातिब होते हैं या किसी भी चुनावी सभा को संबोधित कर रहे होते हैं तो वह बिहार में पांच लाख नौकरी देने का श्रेय खुद को और महागठबंधन को जरूर देते हैं। तेजस्वी यादव का कहना है कि हमने जब 10 लाख रोजगार का वादा किया था कि सीएम नीतीश कुमार ने तंज कसता था। उस वक्त उन्होंने कहा था कि तेजस्वी अपने बाप के घर से इतनी नौकरी लाएगा। जब हम डिप्टी सीएम बने तो सीएम नीतीश कुमार के कलम से ही पांच लाख लोगों को नौकरी दी गई। तेजस्वी कहते हैं कि जनता जान चुकी है कि बिहार में पांच लाख नौकरी किसने दी।