Rajasthan News Jaipur Demand For Separate Bhil Pradesh In Maharally Know Tribal Demands News In Hindi – Amar Ujala Hindi News Live

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Rajasthan News Jaipur Demand for Separate Bhil Pradesh in Maharally Know Tribal Demands News in Hindi

भील प्रदेश की मांग
– फोटो : अमर उजाला

विस्तार


राजस्थान में अलग भील प्रदेश की मांग को लेकर गुरुवार को हुई आदिवासी महारैली ने सुरक्षा एजेंसियों को चौकन्ना कर दिया है। लेकिन सियासत अलग ढंग से सोचती और देखती है। सवाल यह है कि अलग भील प्रदेश की मांग क्यूं की जा रही है? सियासत से इसका कितना लेना देना है और हिंदू बनाम गैर हिंदू का मुद्दा इसमें क्यूं उछाला जा रहा है?

भील प्रदेश की मांग को लेकर बांसवाड़ा के मानगढ़ में चार राज्यों के आदिवासी जुटे हैं। इस सांस्कृतिक महारैली में वक्ताओं ने चार राज्यों के 49 जिले मिलाकर नया भील प्रदेश बनाने की मांग की है। हालांकि, यह मांग नई नहीं है। पिछले लोकसभा चुनावों से ठीक पहले भी यह मुद्दा गरमाया था।

भारत आदिवासी पार्टी से सांसद राजकुमार रोत के चुनावी प्रचार में यह मुद्दा सबसे अहम था। इसका फायदा भी मिला। उन्होंने लोकसभा चुनावों में राजस्थान की आदिवासी बेल्ट के सबसे कद्दावर नेता महेंद्रजीत मालवीय को हरा दिया। अब तक महेंद्रजीत सिंह मालवीय ट्राइबल बेल्ट का सबसे बड़ा चेहरा माने जाते थे। लेकिन अब राजकुमार रोत ने उन्हें रिप्लेस कर दिया है।

राजस्थान की 25 विधानसभाओं पर सीधा असर

आदिवासियों का मुद्दा राजस्थान की सियासत के लिए कितना अहम है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि महारैली से ठीक पहले बीजेपी के दलित नेता मदन दिलावर को भरे सदन में आदिवासियों को लेकर दिए गए अपने बयान के लिए माफी मांगनी पड़ गई। राजस्थान की ही बात करें तो यहां आठ जिले, 92 लाख आबादी, 25 विधानसभाएं आदिवासी बेल्ट का हिस्सा है। इनमें से 17 सीटें तो आदिवासियों के लिए रिजर्व हैं।

बीजेपी और कांग्रेस का भी फोकस

हालांकि, इस बार चुनावों में भारत आदिवासी पार्टी ने कांग्रेस के साथ गठबंधन किया है। लेकिन एक असरे तक यही आदिवासी नेता इन दोनों पार्टियों पर आरोप लगाते रहे कि अलग भील प्रदेश की मांग कर रहे आदिवासी नेताओं को पीछे धकेलने के लिए ये दोनों पार्टियां यहां एक हो जाती रही हैं।

आदिवासी बेल्ट कांग्रेस और बीजेपी के लिए भी बहुत अहम है। बीते एक साल में यहां कांग्रेस और भाजपा के नेताओं के ताबड़तोड़ दौरे हुए हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, गृहमंत्री अमित शाह, कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी, राहुल गांधी, सीएम अशोक गहलोत सहित तमाम बड़े नेता यहां लगातार दौरे करते रहे हैं।

इन जिलों को भील प्रदेश में शामिल करने की मांग

  • राजस्थान: बांसवाड़ा, डूंगरपुर, बाड़मेर, जालोर, सिरोही, उदयपुर, झालावाड़, राजसमंद, चित्तौड़गढ़, कोटा, बारां और पाली
  • गुजरात: अरवल्ली, महीसागर, दाहोद, पंचमहल, सूरत, बड़ोदरा, तापी, नवसारी, छोटा उदेपुर, नर्मदा, साबरकांठा, बनासकांठा और भरूच
  • मध्यप्रदेश: इंदौर, गुना, शिवपुरी, मंदसौर, नीमच, रतलाम, धार, देवास, खंडवा, खरगोन, बुरहानपुर, बड़वानी और अलीराजपुर
  • महाराष्ट्र: नासिक, ठाणे, जलगांव, धुले, पालघर, नंदुरबार और वलसाड़



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