लारजी बांध
– फोटो : संवाद
विस्तार
हिमाचल प्रदेश के कुल्लू जिले की पार्वती जलविद्युत परियोजना चरण तीन के सिउंड बांध के गेट खुलते ही अब लारजी तक हूटर बजेगा। परियोजना प्रबंधन ने अर्ली वार्निंग अलर्ट सिस्टम लगाने की तैयारी कर ली है। यह सिस्टम 1.16 करोड़ रुपये की लागत से लगेगा। बीते साल जुलाई में पिन पार्वती नदी में आई बाढ़ के एक साल बाद परियोजना प्रबंधन ने अर्ली वार्निंग सिस्टम लगाने की कवायद शुरू की है। यह प्रोजेक्ट पिन पार्वती नदी पर ही बना है।
इस सिस्टम के स्थापित होने के बाद सिउंड बांध के जैसे ही गेट खुलेंगे तो उसी समय बांध से लेकर लारजी तक जोर से हूटर बज जाएंगे। इससे लोग उसी समय अलर्ट हो जाएंगे। सरकार ने प्रदेश में बिजली परियोजनाओं के बांधों में सुरक्षा उपकरण न लगाने पर 21 परियोजनाओं को लीगल नोटिस भेजे थे। इसके बाद इस तरह की प्रक्रिया शुरू हुई है। जल विद्युत परियोजनाओं में बांध सुरक्षा एक्ट की अवहेलना न हुई होती तो पिछले साल नदी से मची तबाही से बचा जा सकता था। परियोजनाओं के पांचों बांधों से पानी छोड़ने की वजह से भारी नुकसान हुआ। सरकार ने 2014 में अर्ली वार्निंग सिस्टम लगाने के निर्देश दिए थे।
सेंसर बेस्ड अर्ली वार्निंग सिस्टम का टेंडर लगा दिया गया है। अगले दो महीनों में इसे स्थापित कर दिया जाएगा। सिउंड बांध से लेकर लारजी तक नदी के किनारे पांच हूटर लगाए जाएंगे। हूटर न सिर्फ बजेंगे बल्कि इसकी आवाज के माध्यम से संदेश प्रसारित करने का भी प्रावधान होगा। हूटर चारों दिशाओं में सुनाई देगा। -प्रकाश चंद महाप्रबंधक, पार्वती परियोजना