उत्तराखंड में कोटद्वार रिखणीखाल के नौदानू (पापड़ी) ग्राम निवासी हवलदार कमल सिंह (35) पुत्र स्व. केशर सिंह की अपनी पत्नी रजनी देवी से सोमवार दोपहर अंतिम बार वीडियो कॉल पर बात हुई थी। तब वह गश्त पर निकलने की बात कह रहे थे।
कमल की पत्नी रजनी अपनी दो बेटियों 10 साल की अंशिका व चार साल की अनिका के साथ कोटद्वार में रह रही हैं। दोनों बेटियों की पढ़ाई की खातिर इसी साल कमल ने कोटद्वार के पदमपुर सुखरो में किराये पर लिया था। ड्यूटी पर जाने से पहले जून में ही कमल अपनी पत्नी और बेटियों से वादा करके गए थे कि वह दीपावली पर उनके पास आएंगे, लेकिन आई तो उनके बलिदान की खबर।
परिजनों ने बताया कि सोमवार दोपहर करीब एक बजे कमल सिंह की अपनी पत्नी से वीडियो कॉल पर बात हुई थी। जिसमें उन्होंने ड्यूटी व गश्त के लिए जाने की बात कही थी। वह 22 गढ़वाल राइफल में तैनात थे।
उन्हें देर रात कमल के बलिदान होने की सूचना मिली। तभी से परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो गया। नाते रिश्तेदारों ने किसी तरह उन्हें संभाला और मंगलवार सुबह उन्हें लेकर पैतृक गांव पापड़ी चले गए।
परिजनों के अनुसार कमल सिंह बीते 20 जून को गांव में संपन्न हुई पूजा में हिस्सा लेकर कुछ दिन पहले ही ड्यूटी पर लौटे थे। वह घर का इकलौते बेटे थे। उनकी तीन बहनें हैं।
बलिदानी की तीनों बहनों की शादी हो चुकी है। कमल के चाचा भोपाल सिंह बताते हैं कि कमल के पिता का देहांत काफी साल पहले हो गया था। घर पर उनकी माता और दादी रहती हैं।