झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन।
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राज्य के 13वें मुख्यमंत्री के रूप में सत्ता संभालने वाले हेमंत सोरेन सोमवार को विधानसभा में विश्वास मत पेश किया। विपक्ष के जोरदार हंगामे और वॉकआउट के बीच सीएम सोरेन ने विश्वास मत जीत लिया।बता दें, झारखंड विधानसभा अध्यक्ष रवीन्द्र नाथ महतो ने विश्वास प्रस्ताव पर चर्चा के लिए एक घंटे का समय आवंटित किया था।
इतने लोगों ने दिया साथ
81 सदस्यीय विधानसभा में कुल 45 विधायकों ने विश्वास प्रस्ताव के पक्ष में मतदान किया। वहीं, निर्दलीय विधायक सरयू राय ने मतदान प्रक्रिया में हिस्सा नहीं लिया। भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) और अखिल झारखंड छात्र संघ (आजसू) के विधायक वोटिंग के लिए गिनती शुरू होते ही सदन से बाहर चले गए। भाजपा के नेतृत्व वाले विपक्ष में भाजपा के 24 और आजसू पार्टी के तीन विधायक हैं।
सरकार के खिलाफ विरोध
इस बीच, रांची विधानसभा के बाहर भाजपा विधायकों ने राज्य सरकार के खिलाफ प्रदर्शन किया।
#WATCH | Jharkhand BJP MLAs protest against Jharkhand government outside the state Assembly in Ranchi.
Today, CM Hemant Soren will prove his majority during the floor test in the state Assembly. pic.twitter.com/eQf1w1RLXz
— ANI (@ANI) July 8, 2024
इससे पहले, भाजपा सदस्य विधानसभा अध्यक्ष रबींद्र नाथ महतो से विधायक भानु प्रताप साही को बोलने की अनुमति देने की मांग को लेकर आसन के समीप आ गए थे। हालांकि, महतो ने उनकी मांग अस्वीकार कर दी। विश्वास प्रस्ताव पर मतदान के दौरान 75 विधायक सदन में मौजूद थे। निर्दलीय सदस्य सरयू राय ने मतदान प्रक्रिया में हिस्सा नहीं लिया।
झारखंड में सत्तारूढ़ गठबंधन में झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो), कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) शामिल हैं, जबकि भारतीय कम्युनिस्ट पार्टी (मार्क्सवादी-लेनिनवादी) लिबरेशन के एकमात्र विधायक उसे बाहर से समर्थन दे रहे हैं।
झामुमो नीत गठबंधन के सदस्यों की संख्या घटकर 45 रह गई
लोकसभा चुनाव के बाद 81 सदस्यीय झारखंड विधानसभा में झामुमो नीत गठबंधन के सदस्यों की संख्या घटकर 45 रह गई है, जिसमें झामुमो के 27, कांग्रेस के 17 और राजद का एक विधायक शामिल है।झामुमो के दो विधायक-नलिन सोरेन और जोबा माझी अब सांसद बन चुके हैं, जबकि जामा से विधायक सीता सोरेन ने भाजपा के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ने के लिए इस्तीफा दे दिया था। झामुमो ने दो और सदस्यों-बिशुनपुर से विधायक चमरा लिंडा और बोरियो से विधायक लोबिन हेम्ब्रोम को पार्टी से निष्कासित कर दिया था।
इसी तरह, विधानसभा में भाजपा सदस्यों की संख्या घटकर 24 हो गई है, क्योंकि उसके दो विधायक-ढुलू महतो (बाघमारा) और मनीष जायसवाल (हजारीबाग) अब सांसद बन गए हैं। वहीं, पार्टी ने मांडू से विधायक जयप्रकाश भाई पटेल को कांग्रेस में शामिल होने के बाद निष्कासित कर दिया था।
झारखंड में 81 सदस्यीय विधानसभा में वर्तमान में 76 विधायक हैं। हेमंत सोरेन ने तीन जुलाई को सरकार बनाने का दावा पेश किया था, जिसके बाद सत्तारूढ़ झामुमो-कांग्रेस-राजद गठबंधन ने राज्यपाल को 44 विधायकों की समर्थन सूची सौंपी थी। झामुमो के कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन ने अपने पूर्ववर्ती चंपई सोरेन के पद से हटने के एक दिन बाद, चार जुलाई को राज्य के 13वें मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी।
इन लोगों ने जताया विश्ववास
विधानसभा के विशेष सत्र में विश्वास प्रस्ताव के दौरान इंडिया ब्लॉक और एनडीए के विधायकों की रणनीति क्या हो, इसके लिए रविवार शाम सत्ता और विपक्ष के विधायकों की बैठक हुई। झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो), कांग्रेस और राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के विधायकों ने विश्वास मत हासिल करने का विश्वास जताया। वहीं विपक्षी दल एनडीए ने कहा कि सत्तारूढ़ गठबंधन के लिए यह आसान नहीं होगा।
हेमंत सोरेन ने अपने पूर्ववर्ती चंपई सोरेन के पद से हटने के एक दिन बाद, चार जुलाई को मुख्यमंत्री के रूप में शपथ ली थी।
28 जून को जेल से आए थे बाहर
कथित भूमि घोटाले से जुड़े धन शोधन मामले में झारखंड उच्च न्यायालय से जमानत मिलने के बाद हेमंत सोरेन को 28 जून को जेल से रिहा कर दिया गया था। 31 जनवरी को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा गिरफ्तार किए जाने से कुछ समय पहले उन्होंने मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया था।
झारखंड में 81 सदस्यीय विधानसभा में वर्तमान में 76 विधायक हैं। हेमंत सोरेन ने तीन जुलाई को सरकार बनाने का दावा पेश किया था, जिसके बाद सत्तारूढ़ झामुमो-कांग्रेस-राजद गठबंधन ने राज्यपाल को 44 विधायकों की समर्थन सूची सौंपी।