पाकिस्तान पीएम शहबाज शरीफ
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चीन और पाकिस्तान ने शनिवार को दक्षिण एशिया में लंबित सभी मुद्दों विशेषकर कश्मीर के समाधान के लिए किसी भी एकतरफा कार्रवाई का विरोध किया। चीनी पक्ष ने दोहराया कि जम्मू-कश्मीर विवाद को संयुक्त राष्ट्र चार्टर, प्रासंगिक संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों और द्विपक्षीय समझौतों के अनुसार उचित और शांतिपूर्ण तरीके से हल किया जाना चाहिए। बता दें, पाकिस्तानी प्रधानमंत्री इन दिनों चीन की यात्रा पर हैं।
सीपीईसी कॉरोडिर पर भी की थी चर्चा
दो दिन पहले, पाकिस्तान के प्रधानमंत्री कार्यालय ने एक बयान जारी किया। बयान में कहा गया कि पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने चीनी प्रधानमंत्री ली-कियांग से मुलाकात की। उन्होंने सीपीईसी के एक महत्वपूर्ण स्तंभ के रूप में ग्वादर के महत्व पर चर्चा की। उन्होंने बलूचिस्तान के ग्वादर को एक क्षेत्रीय आर्थिक केंद्र में बदलने के लिए सभी संबंधित बुनियादी ढांचा परियोजनाओं को समय पर पूरा करने में तेजी लाने पर सहमति व्यक्त की। बयान में आगे कहा गया कि दोनों नेताओं ने सीपीईसी को उसके विरोधियों से भी बचाने पर सहमति व्यक्त की। उन्होंने एक-दूसरे के प्रति दृढ़ प्रतिबद्धता व्यक्त की। इसके अलावा, प्रधानमंत्री कियांग ने संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के अस्थायी सदस्य के रूप में पाकिस्तान के चुनाव पर प्रधानमंत्री शरीफ को बधाई दी।
सीपीईसी कॉरिडोर का भारत करता है विरोध
सीपीईसी पाकिस्तान के बलूचिस्तान में स्थित ग्वादर बंदरगाह को चीन के शिनजियांग प्रांत से जोड़ता है। भारत इसका विरोध कर रहा है क्योंकि इसे पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर (पीओके) के माध्यम से बनाया जा रहा है। सीपीईसी को लेकर एक बार जयशंकर ने कहा था कि मुझे लगता है कि तथाकथित चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे पर एससीओ की बैठक में एक बार नहीं बल्कि दो बार यह बहुत स्पष्ट कर दिया गया था कि कनेक्टिविटी प्रगति के लिए अच्छी है, लेकिन कनेक्टिविटी किसी देश की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता का उल्लंघन नहीं कर सकती है।
चीन के दौरे पर हैं पाकिस्तानी पीएम
शरीफ अपनी चार दिवसीय यात्रा पर चीन गए हुए हैं। शरीफ ने अपनी चार दिवसीय यात्रा का समापन चीनी निवेश और सहयोग को बढ़ाने पर जोर देते हुए किया। पाकिस्तान इस समय गंभीर आर्थिक संकट का सामना कर रहा है। ऐसे में पाकिस्तानी प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने चीनी नेतृत्व को कश्मीर की स्थिति के बारे में जानकारी दी। इस दौरान उन्होंने दोनों सेनाओं के बीच आपसी संबंधों को और मजबूत करने के लिए व्यापक चर्चा की।
यात्रा के समापन में एक संयुक्त बयान में कहा गया कि दोनों पक्ष दक्षिण एशिया में शांति और स्थिरता बनाए रखने के महत्व को समझते हैं। इसलिए सभी लंबित विवादों विशेषकर कश्मीर के समाधान की आवश्यकता को देखते हुए किसी भी एकतरफा कार्रवाई से बचना चाहिए। इस दौरान पाकिस्तानी पक्ष ने चीनी पक्ष को जम्मू और कश्मीर की स्थिति के नवीनतम घटनाक्रमों के बारे में जानकारी दी।