Lok Sabha Election Results What Next For Shivraj Singh Chouhan News Updates – Amar Ujala Hindi News Live – Ls Election Results:bjp के राष्ट्रीय अध्यक्ष की दौड़ में शिवराज भी शामिल, कांग्रेस ने बताया

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Lok Sabha Election Results What Next For Shivraj Singh Chouhan News Updates

शिवराज सिंह चौहान
– फोटो : अमर उजाला

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लोकसभा चुनावों के नतीजों के बाद भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (NDA) ने सरकार बनाने की कवायद तेज कर दी है। मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान समेत सभी नवनिर्वाचित सांसदों को दिल्ली तलब किया गया है। इस बीच अटकलें हैं कि शिवराज को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नई कैबिनेट में महत्वपूर्ण जिम्मेदारी दी जा सकती है। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा का कार्यकाल भी 30 जून को खत्म होने वाला है। इस वजह से शिवराज को अध्यक्ष बनाने की अटकलें भी तेज हो गई हैं। 

भले ही भाजपा को अपने दम पर बहुमत न मिला हो, भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) को स्पष्ट बहुमत मिल चुका है। इस वजह से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में तीसरी बार एनडीए सरकार बनने का रास्ता भी साफ हो गया है। सरकार बनाने की तैयारियों के बीच भाजपा ने अपने सभी नवनिर्वाचित सांसदों को दिल्ली तलब किया है। पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान भी दिल्ली के लिए रवाना होने वाले हैं। खबरें यह भी आ रही हैं कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव, प्रदेश भाजपा अध्यक्ष और खजुराहो से सांसद वीडी शर्मा भी दिल्ली पहुंच रहे हैं। दिल्ली में शुक्रवार को भाजपा संसदीय दल की बैठक होनी है। इससे पहले भाजपा की गुरुवार को बैठक प्रस्तावित है। इसमें मध्य प्रदेश से चौहान, डॉ. यादव समेत बड़े नेता शामिल होने वाले हैं। मध्य प्रदेश की सभी 29 सीटों पर भाजपा ने जीत हासिल की है। 1984 के बाद पहला मौका है जब मध्य प्रदेश में किसी एक पार्टी ने लोकसभा की सभी सीटों पर जीत हासिल की है।  

कांग्रेसियों की मांगः शिवराज को बनाया जाए पीएम

पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने 8.21 लाख वोट से जीत दर्ज की है। वाराणासी से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की जीत 1.52 लाख मतों से हुई है। कांग्रेस प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने सोशल मीडिया पर लिखा कि मीडिया में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से ज्यादा शिवराज सिंह चौहान छाए हुए है। शिवराज ओबीसी हैं, मोदी से आठ साल युवा हैं। खाटी संघी हैं। मोदी सिर्फ 1.5 लाख से चुनाव जीते, जबकि शिवराज 8.21 लाख से जीते हैं। दिल्ली का मौसम बदल रहा है। कांग्रेस के राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने भी लिखा कि शिवराज सिंह चौहान परिवक्त नेता हैं। विधानसभा चुनाव की जीत का भी कारण रहे थे। आरएसएस के प्रिय हैं। कांग्रेस को विधानसभा चुनाव में 66 और लोकसभा चुनाव में 0 करने के मुख्य किरदार हैं। पूर्व सांसद उदित राज ने लिखा कि देशहित में राहुल गांधी जी या मल्लिकार्जुन खरगे जी को पीएम बनना चाहिए। अगर ऐसा नहीं हो पाता तो अखिलश यादव या चंद्रबाबू नायडू या नीतीश कुमार को पीएम बनना चाहिए। भाजपा का पीएम नहीं होना चाहिए। अगर होता है तो नितिन गड़करी या शिवराज सिंह चौहान बनें। 

शिवराज की संगठन या सत्ता में बड़ी भूमिका तय 

पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान छठी बार विदिशा से लोकसभा का चुनाव जीते हैं। वह सात बार विधायक और प्रदेश के चार बार मुख्यमंत्री रहे हैं। मध्य प्रदेश में भाजपा को सभी 29 पर जीत मिली है। इसका एक कारण शिवराज सिंह चौहान के मुख्यमंत्री रहते शुरू हुई लाडली बहना को भी बताया जा रहा है।  

सरल और मिलनसार व्यक्तित्व 

शिवराज सिंह चौहान की विनम्रता उन्हें दूसरे नेताओं से अलग बनाती है। यही वजह है कि भाजपा के साथ-साथ विपक्ष में भी उनके मुरीद नेताओं की कमी नहीं है। सरल और मिलनसार व्यक्तित्व के शिवराज को जनता ही नहीं विपक्ष के नेता भी पसंद करते है। वह कई बार नवनिर्वाचित जनप्रतिनिधियों को सफलता के मंत्र गिनाते हुए कहते हैं कि मुंह में शक्कर, पांव में चक्कर और सिर पर बर्फ रखकर ही किसी को राजनीति करनी चाहिए। वह इस मंत्र का अक्षरश: पालन करते हैं। 

नड्डा का कार्यकाल 30 जून तक 

जेपी नड्डा 2012 में राज्यसभा के सदस्य बने थे। 2014 में जब अमित शाह ने पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष का पद संभाला तो नड्डा को संसदीय बोर्ड में शामिल किया गया था। 2019 में अमित शाह गृहमंत्री बने तो नड्डा को भाजपा का राष्ट्रीय कार्यकारी अध्यक्ष बनाया गया। 2020 में उन्हें फुलटाइम अध्यक्ष चुना गया। वैसे, भाजपा में राष्ट्रीय अध्यक्ष का कार्यकाल तीन साल का होता है और किसी भी अध्यक्ष को लगातार दो कार्यकाल ही मिल सकते हैं। नड्डा का कार्यकाल पहले ही खत्म हो चुका है। लोकसभा चुनावों को देखते हुए जून 2024 तक उनका कार्यकाल बढ़ाया गया था। इसका मतलब है कि जून के अंत से पहले ही भाजपा के नए अध्यक्ष का चुनाव हो जाएगा। इससे पहले अमित शाह ने अध्यक्ष पद पर लगातार दो कार्यकाल पूरे किए थे। उनसे पहले अटल बिहारी वाजपेयी, लालकृष्ण आडवाणी और राजनाथ सिंह भी दो या अधिक बार पार्टी के अध्यक्ष रहे हैं।

केंद्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभा चुके हैं शिवराज

पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इससे पहले भी केंद्र में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है। 1991 में पहली बार लोकसभा के लिए चुने गए थे। उसके बाद 1996, 1998, 1999 और 2004 में भी विदिशा से सांसद चुने गए। इस दौरान 2002 में भाजपा के राष्ट्रीय सचिव और 2003 में राष्ट्रीय महासचिव भी नियुक्त हुए थे। 29 नवंबर 2005 को मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री बने और उसके बाद 2018 तक रहे। 2020 में फिर मुख्यमंत्री बने और 2023 तक इसी पद रहे। 2023 में मध्य प्रदेश में पूर्ण बहुमत मिलने के बाद पार्टी ने शिवराज की जगह डॉ. मोहन यादव को मुख्यमंत्री पद के लिए चुना और तब से ही तय माना जा रहा था कि शिवराज को केंद्र में बड़ी भूमिका दी जा सकती है।



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