राजकोट के गेमिंग जोन में हुए भीषण अग्निकांड में 12 बच्चों समेत 27 लोगों की मौत हो गई थी। इस मामले में गुजरात सरकार ने एक और कार्रवाई की है। राजकोट नगर निगम प्रमुख, पुलिस आयुक्त और दो आईपीएस अधिकारियों का तबादला किया गया है।
गुजरात सरकार ने इस मामले में राजकोट नगर निगम प्रमुख समेत राजकोट पुलिस आयुक्त का तबादला किया है। राजकोट के पुलिस आयुक्त राजू भार्गव के स्थान पर आईपीएस अधिकारी बृजेश कुमार झा को नियुक्त किया गया है। राजकोट की अतिरिक्त पुलिस आयुक्त (प्रशासन, यातायात एवं अपराध) विधि चौधरी और आईपीएस अधिकारी सुधीरकुमार जे देसाई का भी तबादला किया गया है। इसके साथ ही गुजरात सरकार ने राजकोट नगर निगम के आयुक्त आनंद पटेल का भी तबादला किया है। उनकी जगह डीपी देसाई को राजकोट नगर निगम का आयुक्त बनाया गया है।
बता दें कि इससे पहले गेंमिग जोन में अग्निकांड में 27 लोगों की मौत के बाद गुजरात उच्च न्यायालय ने राज्य सरकार और राजकोट नगर निगम को कड़ी फटकार लगाई थी। अदालत ने सवाल किया था कि क्या इतनी बड़ी संरचना के तैयार होते समय बड़े अधिकारियों ने अपनी आंखें मूंद ली थी? हाईकोर्ट की फटकार के बाद राज्य सरकार ने बड़े अधिकारियों का तबादला किया है।
तीन आरोपियों को 14 दिन की पुलिस हिरासत
इससे पहले सरकार ने लापरवाही बरतने के आरोप में दो पुलिस निरीक्षकों और नागरिक कर्मचारियों सहित सात अधिकारियों को निलंबित किया था। इसके अलावा मामले में अब तक कुल तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है। तीनों आरोपियों को जिला सत्र न्यायालय में पेश किया गया। आदालत में पुलिस ने बताया कि तीनों आरोप जांच में सहयोग नहीं कर रहे। इसके बाद कोर्ट ने तीनों आरोपियों युवराज सिंह सोलनली, नितिन जैन और राहुल राठौड़ को 14 दिन की हिरासत में भेज दिया।
कांग्रेस ने की थी बड़े अधिकारियों पर कार्रवाई की मांग
उधर गुजरात कांग्रेस प्रमुख शक्तिसिंह गोहिल ने नगर निगम के वरिष्ठ अधिकारियों और भाजपा के पदाधिकारियों पर एफआईआर दर्ज करने की मांग की है। बता दें 25 मई 2024 का दिन गुजरात के लिए काला दिन साबित हुआ, जब राजकोट का टीआरपी गेमिंग जोन धू-धू कर जल उठा। आग की लपटें, धुंआ और भगदड़ के बीच 12 बच्चों समेत 27 लोगों की मौत हो गई।
राजकोट के मुख्य अग्निशमन अधिकारी ने पुलिस के दावे का खंडन किया
उधर राजकोट शहर के मुख्य अग्निशमन अधिकारी आईवी खेर ने पुलिस के दावे का खंडन किया है। खेर ने कहा है कि टीआरपी गेमिंग जोन के प्रबंधन ने फायर एनओसी (अनापत्ति प्रमाणपत्र) के लिए कभी आवेदन नहीं किया था। खेर ने यह भी कहा कि 2023 में मनोरंजन सुविधा के लिए बुकिंग लाइसेंस जारी किया गया था। इस साल जनवरी में लाइसेंस को नवीनीकृत करने से पहले पुलिस द्वारा राजकोट शहर की अग्निशमन और आपातकालीन सेवाओं से कोई भी परामर्श नहीं लिया गया था। बता दें कि 26 मई को तत्कालीन पुलिस आयुक्त राजू भार्गव ने कहा था कि 2023 में गेमिंग जोन को बुकिंग लाइसेंस दिया गया था। इसके बाद 1 जनवरी 2024 को लाइसेंस को नवीनीकृत किया था। बता दें कि सोमवार को राज्य सरकार ने पुलिस आयुक्त भार्गव और दो अन्य आईपीएस अधिकारियों का तबादला किया।