Gwalior Digvijay Reached Jaivilas Palace For First Time After Scindia Left Congress Paid Tribute Madhavi Raje – Amar Ujala Hindi News Live

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Gwalior Digvijay reached Jaivilas Palace for first time after Scindia left Congress paid tribute Madhavi Raje

जयविलास पैलेस पहुंचे दिग्विजय
– फोटो : अमर उजाला

विस्तार


कांग्रेस के वरिष्ठ नेता, पूर्व मुख्यमंत्री और राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह शुक्रवार को ग्वालियर आए। एयरपोर्ट पर राज्यसभा सांसद अशोक सिंह सहित कांग्रेस के नेताओं ने उनकी अगवानी की। उन्होंने जयविलास पैलेस में माधवी राजे को श्रद्धांजलि अर्पित की। ज्योतिरादित्य सिंधिया और महाआर्यमन सिंधिया को सांत्वना प्रदान की। मीडिया से वे मिले तो लेकिन राजनीतिक सवालों पर चुप्पी साधे रखी।

दिग्विजय सिंह वहां से सड़क मार्ग से सीधे पूर्व विधायक और वरिष्ठ समाजवादी नेता वृजेन्द्र तोमर के गश्त का ताजिया स्थित निवास पर पहुंचे और उनका हालचाल जाना। तिवारी कुछ समय से अस्वस्थ्य चल रहे हैं। यहां से सिंह मध्य भारत खादी ग्रामोद्योग दफ्तर पहुंचे, जहां उनका समिति से जुड़े लीगों ने स्वागत किया। इसके बाद उन्होंने वहां चल रहे कार्यकलापों का अवलोकन किया और उनके काम की सराहना की।

इसके बाद सिंह सीधे जयविलास पैलेस पहुंचे और वहां पहुंचकर दिवंगत माधवी राजे के चित्र पर पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। उन्होंने ज्योतिरादित्य सिंधिया और महाआर्यमन सिंधिया से बात कर सांत्वना भी प्रदान की। दिग्विजय सिंह 2020 में सिंधिया के कांग्रेस छोड़कर भाजपा में जाने के बाद पहली बार जयविलास पैलेस पहुंचे। हालांकि, यह दौरा भी राजनीतिक नहीं पारिवारिक था। 

सिंह से मीडिया ने बातचीत की तो उन्होंने कहा कि मैं ग्वालियर आया हूं स्वर्गीय राजमाता साहब के देहांत पर श्रद्धांजलि देने और ज्योतिरादित्य सिंधिया और उनके परिवारजनों से मिलने के लिए। जब उनसे भाजपा के चार सौ पार के नारे को लेकर सवाल पूछा तो वे जवाब दिए बगैर ही आगे बढ़ गए।

बता दें कि 30 सितंबर 2001 को जब कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री माधव राव सिंधिया का एक विमान दुर्घटना में असामयिक निधन होने के समय दिग्विजय सिंह मध्यप्रदेश के मुख्यमंत्री थे। निधन की सूचना मिलते ही दिग्विजय सिंह भोपाल से तत्काल ग्वालियर पहुंच गए थे। उनकी अंतिम संस्कार से लेकर बाकी सभी तैयारियां भी उन्होंने अपनी देखरेख में करवाई थी। वे 13 दिनों तक यही रुके थे और बगैर जूते चप्पल के ही सक्रिय रहे थे। हालांकि, उनके और सिंधिया के बीच सियासी रिश्ते कभी भी अच्छे नहीं रहे।



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