अमृतपाल सिंह
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राष्ट्रीय सुरक्षा अधिनियम के तहत असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद कट्टरपंथी सिख अमृतपाल सिंह के चुनावी हलफनामे के अनुसार उसके पास महज 1,000 रुपये की संपत्ति है। अमृतपाल ने खडूर साहिब से चुनाव लड़ने का ऐलान किया है। इसी सिलसिले में हलफनामा दाखिल किया गया है।
‘वारिस पंजाब दे’ संगठन के प्रमुख 31 वर्षीय सिंह ने पंजाब की खडूर साहिब सीट से निर्दलीय के रूप में चुनाव लड़ने के फैसले के साथ चुनाव मैदान में कदम रखा है। सिंह का नामांकन पत्र उनके चाचा ने शुक्रवार को तरनतारन जिले में दाखिल किया। सिंह ने गुरुवार को असम की डिब्रूगढ़ जेल में अपना नामांकन पत्र भरा।
चुनावी हलफनामे के अनुसार सिंह के पास अमृतसर में एसबीआई शाखा, रय्या, बाबा बकाला में 1,000 रुपये का बैंक बैलेंस है। हलफनामे के मुताबिक इसके अलावा सिंह के पास कोई चल या अचल संपत्ति नहीं है।
अमृतपाल की पत्नी किरणदीप कौर के पास 18.37 लाख रुपये की चल संपत्ति है। इसमें 20,000 रुपये नकद, 14 लाख रुपये के सोने के आभूषण और 4,17,440 रुपये के बराबर 4,000 जीबीपी (पाउंड) शामिल हैं, जो रेवोल्यूट लिमिटेड, लंदन, यूके में खाते में हैं।
अमृतपाल सिंह को अपने माता-पिता पर निर्भर दिखाया गया है जबकि उनकी पत्नी ब्रिटिश नागरिक हैं। किरणदीप कौर ब्रिटेन में राष्ट्रीय स्वास्थ्य सेवाओं में भाषा अनुवादक के रूप में काम करती थीं, लेकिन अब एक गृहिणी हैं। अमृतपाल सिंह ने घोषणा की है कि उनके खिलाफ 12 आपराधिक मामले लंबित हैं,हालांकि उन्हें किसी भी मामले में दोषी नहीं ठहराया गया है।
अमृतपाल सिंह अपने 9 साथियों के साथ 23 अप्रैल 2023 को असम की डिब्रूगढ़ जेल में बंद है। 23 फरवरी को अजनाला कांड के बाद पंजाब पुलिस ने अमृतपाल के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी थी। अमृतपाल और उनके समर्थकों ने अजनाला थाने पर तलवारें और बंदूकें लहराईं थी और थाने पर रिवायती हथियारों से हथियारबंद होकर कब्जा करने की भी कोशिश की थी। अमृतपाल अपने समर्थकों के साथ अपने सहयोगी लवप्रीत सिंह तूफान की रिहाई की मांग करने के लिए पुलिस स्टेशन में घुस गए, इस दौरान उनकी पुलिस से झड़प हो गई थी। जिसके कारण पुलिस ने अमृतपाल पर हत्या के प्रयास, पुलिसकर्मियों पर हमला और सरकारी कर्मचारियों द्वारा कानूनी कार्रवाई के आरोप लगाए ड्यूटी में बाधा डालने का मामला दर्ज किया गया है।