Ifms 3.0: Finance Department Did A New Feat, Demotion Happened Due To Decrease In Basic Salary – Amar Ujala Hindi News Live

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IFMS 3.0: Finance Department did a new feat, demotion happened due to decrease in basic salary

राजस्थान
– फोटो : अमर उजाला

विस्तार


राजस्थान में वित्त विभाग के अफसरों ने एक सप्ताह में दूसरा बड़ा कारनामा कर दिया। सरकार जहां साल दर साल कर्मचारियों को प्रमोशन का तोहफा देती है, वहीं वित्त विभाग ने इसके उलट कर्मचारियों का एक साथ डिमोशन कर उनका बेसिक सैलेरी स्ट्रक्चर ही घटा दिया। अमर उजाला के पास इसके साक्ष्य भी मौजूद हैं।

राजस्थान में वित्त विभाग के कारनामों को लिखने के लिए एक किताब भी कम पड़ जाए। वित्त विभाग ने एक हजार करोड़ रुपये खर्च कर जिस IFMS 2.0 सिस्टम को 3.0 से रिप्लेस किया, वह न तो वित्त विभाग के अफसरों के पल्ले पड़ रहा है और न ही इसकी ठेकेदार कंपनी के। सिस्टम में इतनी बड़ी और भयानक गलतियां हो रही हैं, जिससे सरकार की साख पर ही सवाल उठने लगे हैं।

पिछले सप्ताह कर्मचारियों के खातों में अचानक एडवांस सैलेरी डालकर राजकोष को करोड़ों रुपए का चूना लगा चुके अफसरों ने अब कर्मचारियों के डिमोशन का नया कारमाना कर दिखाया है। कर्मचारियों को इसकी भनक तब लगनी शुरू हुई, जब उन्होंने नए IFMS 3.0 सिस्टम पर जाकर अपनी पे स्लिप डाउनलोड की। इसमें जो कर्मचारी L-12 या अन्य किसी श्रेणी में थे, उनकी श्रेणी घटा दी गई। इसका असर यह हुआ कि कर्मचारियों की बेसिक सैलेरी में कम से कम 10 हजार रुपये का फर्क आ गया।

बेसिक सैलेरी कम होने के कितने मामले हैं, इसकी जानकारी तो अब कर्मचारियों वेतन जारी होने के बाद ही सामने आएगी लेकिन जानकारी के मुताबिक बहुत बड़ी संख्या में इस तरह की गड़बड़ी हुई है। बीते एक साल में वित्त मार्गोपाय विभाग और ट्रेजरी के जरिए इस तरह की बड़ी गड़बड़ियां सामने आ चुकी हैं, जिसमें सरकार और कर्मचारी दोनों को नुकसान उठाना पड़ रहा है। इनमें हजारों मामले ऐसे भी हैं, जिनमें किसी भी प्रकार से रिकवरी नहीं हो पा रही है। मृतक कर्मचारियों के खातों में पैसा देना, सोशल सिक्यूरिटी स्कीम का पैसा दूसरे राज्यों में रहने वाले लोगों के खातों में देना और फर्जी SIPF बिल शामिल ऐसे ही मामलों में शामिल हैं। 

राजकोष के पैसों पर बैंकों की मौज 

एडवांस वेतन के मामले में RBI से झिड़की खाने के बाद वित्त विभाग के अफसरों ने बैंकों पर दबाव डालकर कर्मचारियों के खातों को होल्ड तो करवा दिया लेकिन यह पैसा न तो सरकार को वापस मिला और न ही कर्मचारी इसका इस्तेमाल कर सके। चूंकी खाते होल्ड पर हैं तो पैसे पर ब्याज का फायदा सीधे-सीधे बैंक को मिल रहा है।



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