सोशल मीडिया।
– फोटो : amar ujala
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पंजाब कांग्रेस प्रधान अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग की पत्नी अमृता वड़िंग ने एक चुनावी सभा में बीते रोज कांग्रेस पार्टी के चिह्न हाथ की तुलना गुरुओं के पंजे यानी हाथों से की। यहां तक कि अमृता वड़िंग ने चुनावी सभा में लोगों से इसे गुरुओं का पंजा कहकर कांग्रेस पार्टी को वोट देने को कहा। इसको लेकर सोमवार देर शाम से यह वीडियो सोशल मीडिया पर जमकर ट्रोल हुआ।
जैसे ही यह वीडियो ट्रोल होने लगा, पंजाब के धार्मिक संगठनों, सिख समुदाय और लोगों ने अमृता वड़िंग के इस विवादित बयान का जमकर विरोध करना शुरू कर दिया। यहां तक कि एसजीपीसी ने मामले में संज्ञान लेते हुए अमृता वड़िंग के बयान की निंदा की। मंगलवार सुबह इससे पहले कोई नई राजनीतिक मुसीबत खड़ी होती, अमृता वड़िंग ने सोशल मीडिया पर आकर सार्वजनिक तौर पर अपने विवादित बयान के लिए माफी मांग ली।
अमृता ने कहा कि जाने-अनजाने में दिए गए बयान से किसी की भावनाएं आहत हुई हैं तो मैं उसके लिए माफी मांगती हूं। मेरी इस तरह की कोई इच्छा नहीं थी। हालांकि इससे पहले इस बयान की निंदा हो रही थी। एसजीपीसी ने भी उनके बयान की निंदा की थी। साथ ही कहा था कि इसके लिए उन्हें माफी मांगनी चाहिए।
वहीं, इस बयान को लेकर निर्वाचन आयोग में भी शिकायत की गई है। शिरोमणि अकाली दल द्वारा इस मामले में शिकायत की गई और कहा गया है कि अमृता के खिलाफ कार्रवाई की जाए। श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार सिंह साहिब ज्ञानी रघबीर सिंह ने चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस के चुनाव चिह्न ‘पंजा’ को श्री गुरु नानक देव जी का पंजा कहने पर कड़ा नोटिस लिया है।
अमृता वडिंग को फटकार लगाते हुए इस मुद्दे पर तुरंत सिख संगत से माफी मांगने को कहा था। इसके बाद माफी मांगी गई है। ज्ञानी रघबीर सिंह ने कहा कि राजनीतिक नेता राजनीतिक हितों के लिए गुरु साहिब के नाम और धार्मिक प्रतीकों का इस्तेमाल करते हैं। इसे किसी बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। सिख कभी नहीं भूल सकते कि पंजा कांग्रेस पार्टी का चुनाव चिह्न है।