भारत की जनसंख्या (सांकेतिक तस्वीर)
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संयुक्त राष्ट्र जनसंख्या कोष (यूएनएफपीए) की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत की जनसंख्या 144 करोड़ तक पहुंच गई है, जिसमें 0-14 आयु वर्ग वाले 24 फीसदी है। 2011 में हुई पिछली जनगणना के अनुसार भारत की जनसंख्या 121 करोड़ थी। रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि प्रसव के दौरान होने वाली मौतों में गिरावट हुई है।
भारत की जनसंख्या में 65 से अधिक उम्र वाले सात प्रतिशत
रिपोर्ट में बताया गया कि भारत की जनसंख्या में 0-14 आयु वर्ग वाले 24 फीसदी, जबकि 10-19 आयु वर्ग वाले 17 प्रतिशत है। भारत की जनसंख्या में 10-24 आयु वर्ग वाले 68 प्रतिशत, जबकि 65 और उससे अधिक उम्र वाले सात प्रतिशत लोग शामिल हैं। पुरुषों की जीवन प्रत्याशा 71 और महिलाओं की 74 वर्ष है। रिपोर्ट में कहा गया है कि 30 साल में यौन और प्रजनन स्वास्थ्य में जो प्रगति हुई है, उसमें दुनियाभर के सबसे पिछड़े समुदायों को ज्यादातर नजरअंदाज ही किया गया है। इसके अलावा बताया गया कि भारत में 2006 से 2023 के बीच बाल विवाह का प्रतिशत 23 था।
प्रसव के दौरान होने वाली मौतों में गिरावट
भारत में प्रसव के दौरान होने वाली मौतों में गिरावट देखने को मिली है। पीएलओएस ग्लोबल पब्लिक हेल्थ के रिपोर्ट का हवाला देते हुए बताया गया कि 640 जिलों में प्रसव के दौरान होने वाली मौतों के अनुपात में 100,000 जीवित जन्मों में 70 से भी कम है। वहीं 114 जिलों में यह अनुपात 210 से ज्यादा है। रिपोर्ट में कहा गया, “दिव्यांग महिलाओं और लड़कियों, शरणार्थियों, जतीय अल्पसंख्यकों, समलैंगिग समुदाय के लोगों, एचआईवी से पीड़ित और वंचित जातियों को सबसे ज्यादा यौन और प्रजनन स्वास्थ्य जोखिमों का सामना करना पड़ता है।”