Badlapur School Physical Assault Case: Panel Suggests Mandatory Cctvs And Character Verification Of Staff – Amar Ujala Hindi News Live – बदलापुर स्कूल यौन शोषण मामला:समिति ने दाखिल की सिफारिशी रिपोर्ट, एचसी ने सरकार से पूछा

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Badlapur school  physical assault case: Panel suggests mandatory CCTVs and character verification of staff

बॉम्बे हाईकोर्ट
– फोटो : एएनआई

विस्तार


बदलापुर की घटना के बाद बॉम्बे हाई कोर्ट गठित समिति ने अनिवार्य सीसीटीवी और कर्मचारियों के चरित्र सत्यापन की सिफारिश की है। हाईकोर्ट के दो पूर्व न्यायाधीशों की अध्यक्षता वाली समिति ने बुधवार को अदालत को सौंपी गई अपनी रिपोर्ट में राज्य के स्कूलों और अन्य शैक्षणिक संस्थानों में लागू करने के लिए कई सुझाव दिए हैं। अदालत ने कहा कि हम रिपोर्ट का भी अध्ययन करेंगे। साथ ही अदालत ने राज्य सरकार से भी जवाब तलब किया है कि वह बताए कि वह दो सप्ताह में सिफारिशों पर क्या कदम उठाएगी।

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दिये हैं ये सुझाव

इन सुझावों में स्कूलों में अनिवार्य सीसीटीवी कैमरे, कर्मचारियों का चरित्र सत्यापन, सुरक्षित परिवहन की जिम्मेदारी लेने वाले स्कूल, बच्चों को गुड टच-बैड टच के बारे में बताना, साइबर अपराधों के बारे में जागरूकता बढ़ाना और प्रमुख स्थानों पर ‘1098’ (बच्चों की हेल्पलाइन) प्रदर्शित करना शामिल है। 

कमेटी ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि स्कूलों में सीसीटीवी लगाने के साथ-साथ एक महीने की फुटेज भी सुरक्षित रखी जाए। रिपोर्ट में कहा गया है कि अगर किसी कर्मचारी की आपराधिक पृष्ठभूमि पाई जाती है तो उसे तुरंत बर्खास्त कर दिया जाना चाहिए।

मामले में सुनवाई करते हुए बुधवार को न्यायमूर्ति रेवती मोहिते डेरे और न्यायमूर्ति नीला गोखले की खंडपीठ ने राज्य सरकार से रिपोर्ट और उसकी सिफारिशों का अध्ययन करने को कहा। साथ ही सरकार से यह जवाब देने को भी कहा है कि वह बताए कि दो सप्ताह में सिफारिशों पर क्या कदम उठाए जाएंगे। 

पिछले साल अगस्त का मामला

गौरतलब है, पिछले साल अगस्त में ठाणे के बदलापुर इलाके में स्थित एक स्कूल के शौचालय में चार और पांच साल की दो लड़कियों का एक पुरुष अटेंडेंट ने यौन उत्पीड़न किया था। मामला सामने आते ही उसे गिरफ्तार कर लिया गया था। हालांकि, अदालत ले जाते समय पुलिस के साथ मुठभेड़ हुई और वह मारा गया। वहीं, मामले की जांच के लिए महाराष्ट्र सरकार द्वारा गठित विशेष जांच (एसआईटी) आरोप पत्र दायर कर चुकी है।

यौन उत्पीड़न की घटना के बाद, हाईकोर्ट ने मामले का स्वत: संज्ञान लिया था। साथ ही निर्देश दिया था कि स्कूलों और शैक्षणिक संस्थानों में बच्चों की सुरक्षा पर एक रिपोर्ट तैयार करने के लिए सरकार द्वारा विशेषज्ञों की एक समिति गठित की जाए। 



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