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झारखंड विधानसभा में विधायक दल के नेताओं और प्रतिनिधियों की बैठक में शामिल सीएम हेमंत सोरेन तथा अन्य – फोटो : अमर उजाला
विस्तार
झारखंड विधानसभा का षष्ठम झारखंड विधानसभा का द्वितीय (बजट) सत्र 24 फरवरी से 27 मार्च 2025 तक चलेगा। बजट सत्र के सफल और सुचारु संचालन को लेकर शुक्रवार को विधानसभा अध्यक्ष रवींद्रनाथ महतो की अध्यक्षता में विधायक दल के नेताओं और प्रतिनिधियों की अहम बैठक आयोजित की गई। इस बैठक में झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन सहित सत्तारूढ़ दल के कई मंत्री और विधायक मौजूद रहे।
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बजट सत्र को सफल बनाने के लिए की गई चर्चा
झारखंड विधानसभा में बजट सत्र से पहले की यह बैठक बेहद अहम मानी जाती है। इस बैठक में चर्चा की गई कि कैसे सभी दलों के सहयोग से इस सत्र को सुचारु रूप से चलाया जाए। सरकार चाहती है कि बजट पर सार्थक बहस हो और राज्य के विकास के लिए ठोस निर्णय लिए जाएं।
हेमंत सरकार के नए कार्यकाल का पहला बजट सत्र
झारखंड में हाल ही में संपन्न विधानसभा चुनावों में महागठबंधन की बड़ी जीत के बाद यह हेमंत सरकार का पहला बजट सत्र है। सत्र को लेकर सत्तारूढ़ दल के विधायक और मंत्री काफी उत्साहित हैं। सरकार का लक्ष्य है कि बजट ऐसा हो जो झारखंड के समग्र विकास के लिए समर्पित हो और हर तबके के लिए कुछ विशेष प्रावधान रखे जाएं।
अबुआ बजट: जनता और विशेषज्ञों से लिए गए सुझाव
इस बार झारखंड सरकार ने बजट बनाने से पहले जनता और विशेषज्ञों से सुझाव लिए थे। वित्त मंत्री राधाकृष्ण किशोर के निर्देश पर ‘अबुआ बजट’ के तहत आम जनता से उनकी जरूरतों और प्राथमिकताओं पर राय ली गई। सरकार का दावा है कि इस बजट को पूरी तरह समावेशी और विकासोन्मुखी बनाया गया है, जिससे राज्य का हर वर्ग लाभान्वित हो सके।
बैठक से भाजपा ने बनाई दूरी
इस अहम बैठक में राज्य के मुख्य विपक्षी दल भाजपा के विधायक अनुपस्थित रहे। भाजपा ने अब तक अपने नेता प्रतिपक्ष का एलान नहीं किया है, जिसके चलते पार्टी की ओर से इस बैठक में कोई प्रतिनिधित्व नहीं किया गया। भाजपा की इस दूरी को लेकर सियासी गलियारों में कई कयास लगाए जा रहे हैं।
बजट सत्र में विपक्ष का हंगामा तय
जहां सरकार इस बजट सत्र को सुचारु रूप से चलाने के लिए तत्पर है, वहीं विपक्षी दलों ने सरकार को घेरने की पूरी तैयारी कर ली है। भाजपा खासतौर पर ‘मैया सम्मान योजना’ की राशि को लेकर सरकार पर हमला बोलने की रणनीति बना रही है। भाजपा नेताओं का कहना है कि चुनाव के समय महागठबंधन सरकार ने वादा किया था कि प्रत्येक महिला के खाते में 2500 रुपये की सहायता राशि दी जाएगी, लेकिन अभी तक इस योजना का क्रियान्वयन नहीं हुआ है। विपक्ष इस मुद्दे को लेकर सरकार को वादा-खिलाफी के आरोप में घेरने की तैयारी कर रहा है।
सत्र में गरमाएंगे कई मुद्दे
बजट सत्र में केवल आर्थिक प्रावधानों पर ही नहीं, बल्कि कई अन्य ज्वलंत मुद्दों पर भी तीखी बहस होने के आसार हैं। विपक्षी दल सरकार को रोजगार, किसानों की समस्याओं, कानून-व्यवस्था और भ्रष्टाचार जैसे मुद्दों पर घेर सकते हैं।