8th Pay Commission Constitution Farmers Said- Money For Pay Commission, Why Not For Msp – Amar Ujala Hindi News Live – Pay Commission Constitution:किसान बोले
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आठवां वेतन आयोग – फोटो : अमर उजाला
विस्तार
केंद्र सरकार की ओर से केंद्रीय कर्मचारियों के लिए आठवें वेतन आयोग का गठन करने के फैसले पर हिमाचल के किसान-बागवानों ने सवाल खड़े किए हैं। किसानों का कहना है कि केंद्र सरकार के पास वेतन आयोग के लिए पैसा है लेकिन किसानों को एमएसपी देने के लिए सरकार की जेब खाली है। केंद्र सरकार की दोहरी नीति से किसान संगठन असंतुष्ट है। किसान बागवान संगठन स्वामीनाथन आयोग के अनुसार एमएसपी देने की मांग कर रहे हैं। हिमाचल के बागवान सेब उत्पादन की बढ़ती लागत के मद्देनजर पिछले कई सालों से सेब पर न्यूनतम समर्थन मूल्य की मांग उठा रहे हैं।
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किसान-बागवान संगठनों का मानना है कि कर्मचारियों को आठवें वित्त आयोग का लाभ देने के लिए केंद्र सरकार को जितना बजट की जरूरत पड़ेगी, उसके मुकाबले किसान-बागवानों को एमएसपी देने के लिए पांच गुना कम बजट की जरूरत पड़ेगी। केंद्र सरकार को केंद्रीय कर्मचारियों के हितों की तरह ही किसान-बागवानों के हितों को अहमियत देनी चाहिए। किसान संगठन आरोप लगा रहे हैं कि केंद्र सरकार सिर्फ कॉरपोरेट कंपनियों को लाभ देने वाली नीतियों पर काम कर रही है, केंद्र सरकार ने अपनी छवि सुधारने के लिए केंद्रीय कर्मचारियों के हित में वित्त आयोग के गठन का एलान किया है।
संयुक्त किसान मंच के संयोजक हरीश चौहान ने कहा कि देश में कर्मचारी कुल जनसंख्या के 3 से 4 फीसदी हैं जबकि किसान 49 फीसदी हैं। केंद्रीय कर्मचारियों को छठे वेतन आयोग का लाभ देने के लिए सरकार पर करीब 6 लाख करोड़ का बोझ पड़ेगा जबकि एक अनुमान के अनुसार किसानों को सभी फसलों पर एमएसपी देने पर करीब 80 हजार करोड़ की जरूरत पड़ेगी। किसानों का कर्ज भी चरणबद्ध तरीके से माफ किया जाना चाहिए।
क्या कहते हैं किसान नेता
केंद्र सरकार को कर्मचारी की तरह किसान हित का भी ख्याल रखना चाहिए। किसानों को एमएसपी से सरकार पर भारी वित्तीय बोझ का केंद्र का तर्क सही नहीं है। एमएसपी पर फसलों की खरीद कर सरकार उसे बाजार में बेचेगी, निर्यात भी किया जा सकता है। बढ़ती महंगाई के साथ कर्मचारियों का वेतन बढ़ना चाहिए, किसान हित के लिए एमएसपी की भी घोषणा होनी चाहिए।
– कुलदीप सिंह तंवर, अध्यक्ष, हिमाचल प्रदेश किसान सभा
केंद्र सरकार का रवैया हमेशा से कॉरपोरेट के हिम में और किसानों के विरोध में रहा है। कर्मचारियों के बीच छवि सुधारने के लिए 8वें वेतन आयोग के गठन की घोषणा की है, हालांकि वेतन आयोग की सिफारिशों के बाद निचले तबके के कर्मचारियों को लाभ मिलेगा इस पर संशय है। बार बार मांग के बावजूद सेब पर आयात शुल्क नहीं बढ़ाया जा रहा। सीए स्टोर बनाने के लिए भी कॉरपोरेट को तवज्जो दिया जा रहा है।– सोहन सिंह ठाकुर, अध्यक्ष, हिमाचल सेब उत्पादक संघ