{“_id”:”6771ae9aa46e58ab620664d4″,”slug”:”11-out-of-47-workers-stranded-in-cameroon-reached-jharkhand-state-government-gave-information-2024-12-30″,”type”:”story”,”status”:”publish”,”title_hn”:”Jharkhand: झारखंड लाए गए कैमरून में फंसे 47 में से 11 मजदूर, राज्य सरकार ने शुरू किया बकाया मजदूरी का भुगतान”,”category”:{“title”:”City & states”,”title_hn”:”शहर और राज्य”,”slug”:”city-and-states”}}
झारखंड से एक बड़ी खबर सामने आ रही है। जहां अफ्रीका के कैमरून में फंसे 47 श्रमिकों में से 11 श्रमिकों को झारखंड लाया गया। मामले में झारखंड सरकार ने रविवार को बताया कि मध्य अफ्रीका के देश कैमरून में फंसे 47 श्रमिकों में से 11 को राज्य में लाया गया है जबकि बाकी श्रमिकों की सुरक्षित वापसी के प्रयास जारी हैं।
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बता दें कि यह घटनाक्रम उस समय हुआ, जब राज्य सरकार ने मुंबई स्थित एक कंपनी और कुछ बिचौलियों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की। इन पर आरोप था कि उन्होंने इन श्रमिकों को मजदूरी नहीं दी। मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के निर्देश पर यह कदम उठाया गया। इसके साथ ही राज्य सरकार ने बताया कि श्रमिकों की सुरक्षित वापसी के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं और विदेश मंत्रालय को इस बारे में सूचित कर दिया गया है।
मुख्यमंत्री सचिवालय ने जारी किया बयान
आगे की जानकारी के लिए मुख्यमंत्री सचिवालय ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि कैमरून में फंसे झारखंड के 47 श्रमिकों में से 11 को राज्य में लाया गया है और उन्हें श्रम विभाग द्वारा उनके घर भेज दिया गया है। बाकी 36 श्रमिकों की वापसी के प्रयास किए जा रहे हैं।
बकाया मजदूरी का भुगतान शुरू
इसके साथ ही मामले में झारखंड सरकार ने कार्रवाई करते हुए श्रमिकों को उनकी बकाया मजदूरी का भुगतान शुरू कर दिया है। बयान में कहा गया कि कुल 39.77 लाख रुपये की बकाया राशि का भुगतान किया गया है। साथ ही आरोप यह भी है कि इन श्रमिकों को बिना पंजीकरण और लाइसेंस के कैमरून भेजा गया था। मुख्यमंत्री के ध्यान में यह मामला लाने के बाद, राज्य प्रवासी नियंत्रण कक्ष ने श्रमिकों और नियोक्ताओं से संपर्क किया और उनके अनुबंध तथा वेतन विवरण मांगे।
श्रण आयुक्त ने दर्ज कराया था एफआईआर
गौरतलब है कि इस महीने की शुरुआत में श्रम आयुक्त ने सोरेन के निर्देश पर पुलिस स्टेशनों में बिचौलियों और नियोक्ताओं के खिलाफ एफआईआर दर्ज करवाई थी। श्रमिकों ने शिकायत की थी कि उन्हें तीन महीने से वेतन नहीं मिला था।